Neelam Gemstone Benefits: वैदिक ज्योतिष में नव रत्नों का वर्णन मिलता है। साथ ही ये रत्न किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां हम बात करने जा रहे हैं नीलम रत्न के बारे में, जिसका संबंध शनि ग्रह से माना जाता है। मान्यता है जो भी व्यक्ति नीलम रत्न धाऱण करता है, उनको जीवन में कम संघर्ष करना पड़ता है। साथ ही जिन व्यक्तियों की जन्मकुंडली में शनि ग्रह कमजोर या अशुभ स्थित होता है। उनको ज्योतिषी नीलम पहनने की सलाह देते हैं। नीलम तुंरत असर दिखाने वाला रत्न है। आइए जानते हैं नीलम किन राशि वालों को धाऱण करना चाहिए और इसके लाभ…
नीलम पहनने से इन राशियों की चमक सकती है किस्मत
वैदिक ज्योतिष अनुसार नीलम रत्न कुंभ और मकर राशि के जातक धारण कर सकते हैं, क्योंकि इन राशियों पर शनि देव का ही आधिपत्य है। वहीं वृष, मिथुन, कन्या, तुला राशि के लोग भी नीलम धाऱण कर सकते हैं। वहीं शनि देव कुंडली में कमजोर विराजमान हो भी नीलम पहना जा सकता है। साथ ही अगर शनि देव शुभ (उच्च) के कुंडली में विराजमान हैं, तो भी नीलम धारण कर सकते हैं। वहीं अगर कुंडली में शनि नीच के स्थित हो तो नीलम धारण करने से बचना चाहिए। साथ ही नीलम के साथ मूंगा और माणिक्य पहनने से बचना चाहिए।
नीलम धारण करने के लाभ
नीलम पहनने से व्यक्ति को करियर और कारोबार में अच्छी सफलता मिलती है। साथ ही नीलम पहनने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास की बढ़ोतरी होती है। साथ ही जिन लोगों को अनिद्रा की शिकायत रहती है, वो लोग भी नीलम धारण कर सकते हैं। वहीं कुछ लोगों में धैर्य की कमी रहती है और वह हर काम में जल्दबाजी करते है जिससे कई काम उनके बिगड़ जाते हैं। ऐसे लोग भी नीलम धारण कर सकते हैं। लेकिन नीलम को कुंडली का विश्लेषण के बाद ही धारण करना चाहिए।
इस विधि से करें नीलम धारण
नीलम रत्न शरीर के वजन के हिसाब से खरीदना चाहिए। वहीं नीलम को आप अंगूठी या पैंडल के रूप में भी धारण कर सकते हैं। वहीं धातु की बात करें तो नीलम को पंचधातु में धाऱण करना चाहिए। नीलम रत्न को मध्यमा ऊंगली में धारण कर सकते हैं और नीलम को शनिवार के दिन पहन सकते हैं। नीलम को धारण करने से पहले अंगूठी को गंगाजल और गाय के कच्चे दूध से शुद्ध जरूर कर लें।