Astrology Gemstones: ज्योतिष के अनुसार जब किसी की कुंडली में कोई ग्रह प्रतिकूल प्रभाव डालता है तो उस व्यक्ति को उस ग्रह से संबंधित रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति को जो रत्न सूट कर जाये उसे जीवन में तमाम सुख सुविधाएं प्राप्त होने लगती हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक मंगल को मजबूत करने के लिए मूंगा पहनना चाहिए। ओपल या हीरा शुक्र ग्रह से संबंधित है। बुध के लिए पन्ना पहना जाता है। माणिक रत्न सूर्य से संबंधित है। पुखराज बृहस्पति से और नीलम शनि से संबंधित है। गोमेद राहु को शांत करने के लिए पहना जाता है तो लहसुनिया केतु के लिए। चंद्र को मजबूत करने के लिए मोती पहनना चाहिए। आइए जानते हैं मोती पहनने के क्या-क्या लाभ हैं और किन्हें इस रत्न को पहनना चाहिए-
मोती धारण करने के फायदे: चंद्र की राशि कर्क और गुरु की राशि मीन राशि के जातकों को ज्योतिषी मोती पहनने की सलाह देते हैं। ऐसा माना जाता है कि मोती पहनने से मन में सकारात्मक विचार आते हैं और मन में उत्पन्न बेचैनी मिट जाती है। इसे धारण करने से लोग सर्दी-जुकाम से दूर रहते हैं। मोती पहनने वालों का जीवन भयमुक्त होता है और उनकी जिंदगी सुखमय व्यतीत होती है।
मोती और धन लाभ: ऐसा माना जाता है कि गोल लंबे आकार का मोती, जिसका रंग तेजस्वी सफेद हो तथा उसमें लाल रंग के ध्वज के आकार का सूक्ष्म चिह्न हो तो उसे पहनने से व्यक्ति को राज्य की ओर से लक्ष्मी का लाभ होता है। वहीं, मोती अगर आकार में एक ओर अणीदार हो तथा दूसरी ओर से चपटा हो तथा उसका रंग सहज आकाश के रंग की तरह हो तो ऐसा मोती धारण करने से धारणकर्ता के धन में वृद्धि होती है। इसके अलावा, गोल आकार का मोती, जिसका रंग तेजस्वी सफेद हो तथा उसमें सफेद रंग का पद्मकोष के आकार का सूक्ष्म चिह्न हो तो उसे पहनने से भी लोगों को लक्ष्मी प्राप्त होती है।
कब पहनें: ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सोमवार प्रातः अथवा संध्या के समय चांदी में कनिष्ठा में इसे धारण करने से लाभ होता है। मोती शुक्ल पक्ष में रोहिणी, हस्त, श्रवण नक्षत्रों में धारण करना चाहिए। मोती के साथ गोमेद धारण नहीं करना चाहिए। मोती 4.25 रत्ती भार का धारण करना चाहिए।
ये भी जान लें: ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मोती पहनते समय इसके साथ लहसुनिया और गोमेद रत्न नहीं पहनना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्रमा के साथ जब भी राहु और केतु होते हैं तो ग्रहण दोष बनता है। बता दें कि गोमेद राहु का रत्न है और लहसुनिया केतु का ग्रह है।