हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के बीच तमाम तरह की मान्यताएं फैली हुई हैं। इन मान्यताओं में से ही एक यह भी है कि पैरों में सोने के गहने नहीं पहनने चाहिए। कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण यानी विष्णु जी को पीला रंग काफी पसंद है। चूंकि सोना पीले रंग का होता है, इसलिए इसे पैरों में धारण नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से विष्णु जी नाराज हो जाते हैं। पैरों में सोना नहीं पहनने को लेकर ऐसी ही कुछ और भी धार्मिक वजहें बताई गई हैं। लेकिन आज हम आपको इससे जुड़ी हुई वैज्ञानिक वजह बताने जा रहे हैं। जी हां, वैज्ञानिकों ने भी इस तरह की सलाह दी जाती है कि पैरों में सोना या सोने से बने किसी भी तरह के गहने नहीं पहनने चाहिए।

दरअसल मानव शरीर की बनावट ऐसी है कि इसके ऊपरी हिस्से यानी सिर पर ठण्डक और निचले हिस्से यानी पैर पर गर्माहट की जरूरत होती है। चूकिं सोने के गहने जब मानव शरीर द्वारा धारण किए जाते हैं तो वे गर्मी छोड़ते हैं। इस स्थिति में जब सोने के गहने पैर में पहने जाते हैं तो उसकी गर्मी सिर तक पहुंचती है। इससे मनुष्य को मानसिक एकाग्रता बनाने में काफी दिक्कत होती है। इसलिए पैर में सोने के गहने पहनने से बचने की सलाह दी जाती है।

इसके अलावा जब आप चांदी के गहने अपने पैर में पहनते हैं तो इससे ठण्डक निकलती है। यह ठण्डक व्यक्ति के मस्तिष्क तक पहुंचती है और उसे सीतलता देती है। इसलिए पैर में चांदी के गहने पहनना ही ठीक माना जाता है। इसके अलावा चांदी की पायल पहनने से पीठ, एड़ी, घुटनों के दर्द और हिस्टीरिया रोगों से भी राहत मिलती है। चांदी की पायल के संदर्भ में यह भी तथ्य है कि पैरों में इसकी रगड़ से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसलिए भी महिलाओं को चांदी की पायल पहनने की सलाह दी जाती है।