भविष्यपुराण के अनुसार सूर्य के उत्तरायण या दक्षिणायन के दिन संक्रांति का व्रत किया जाता है। इस व्रत में संक्रांति के पहले दिन एक ही बार भोजन किया जाता है। संक्रांति के दिन तेल तथा तिल मिश्रित जल से स्नान करना चाहिए। इसके बाद सूर्य देव की स्तुति की जाती है। मान्यतानुसार इस दिन तीर्थ स्थलों या गंगा स्नान और दान पुण्य प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत करने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। संक्रांति के पुण्य अवसर पर पितरों का ध्यान किया जाता और उनका तर्पण किया जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि इस दिन देव भी धरती पर अवतरित होते हैं और आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से गोचर करता हुआ मकर राशि में आता है, इसके बाद से दिन बड़े होने शुरु हो जाते हैं और अंधकार का नाश होता है। इस दिन पुण्य, दान, जप तथा धार्मिक अनुष्ठानों का महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। कई स्थानों पर इस दिन मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए खिचड़ी दान करने की परंपरा भी माना जाती है।
Makar Sankranti 2018 Wishes Messages: इन SMS, मैसेज के जरिए दे दोस्तों को संक्रांति की शुभकामनाएं
