Vishwakarma Puja 2024 Date Time, Puja Vidhi, Mantra, Puja Samagri List: सनातन धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है। क्योंकि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को विश्वकर्मा जयंती के रूप में मनाया जाता है। वहीं आपको बता दें कि इस दिन अस्त्र और शस्त्र की पूजा भी की जाती है। साथ ही शिल्पकार और यंत्रों के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही सतयुग में स्वर्ग, त्रेतायुग में लंका, द्वापर में द्वारिका और कलियुग में जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियों का निर्माण किया था। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा सामग्री…
विश्वकर्मा पूजा 2024 तिथि (Vishwakarma Jayanti 2024 Muhurat)
शास्त्रों के मुताबिक हर साल भाद्रपद मास में ग्रहों के राजा सूर्य जब सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करते हैं तो विश्वकर्मा जयंती होती है। इस साल सूर्य 16 सितंबर की शाम को 7 बजकर 29 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर को मनाई जाएगी।
विश्वकर्मा पूजा 2024 पूजा मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक इस साल विश्वकर्मा पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह में ही है। क्योंकि दोपहर के समय में भद्रा का साया रहने वाला है। ऐसे में आप विश्वकर्मा पूजा सुबह 06 बजकर 07 बजे से दिन में 11 बजकर 43 बजे के बीच कर सकते हैं। वहीं विश्वकर्मा पूजा के दिन रवि योग सुबह 6 बजकर 7 मिनट से शुरू हो रहा है, जो दोपहर 1 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।
विश्वकर्मा पूजा सामग्री लिस्ट
भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या मूर्ति लकड़ी की चौकी, पीला कपड़ा, नवग्रह, मिट्टी का कलश, जनेऊ हल्दी, रोली, अक्षत, सुपारी, मौली, लौंग, कपूर, देसी घी, हवन कुंड, आम की लकड़ी, गंगाजल इलायची, सूखा गोला, जटा वाला नारियल, फल-मिठाई, इत्र, दही, खीरा, शहद, पंचमेवा आदि…
विश्वकर्मा पूजा के दिन इन मंत्रों का करें जाप
- ओम आधार शक्तपे नम:।
- ओम् कूमयि नम:।
- ओम अनन्तम नम:।
- पृथिव्यै नम: मंत्र।
- ॐ धराधराय नमः
- ॐ स्थूतिस्माय नमः
- ॐ विश्वरक्षकाय नमः
- ॐ दुर्लभाय नमः
- ॐ स्वर्गलोकाय नमः
- ॐ पंचवकत्राय नमः
- ॐ विश्वलल्लभाय नमः
- ॐ धार्मिणे नमः