Vinayak Chaturthi Puja And Vrat Vidhi: विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी कृपा पाने के लिए यह बहुत ही खास दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन गणपति जी की पूजा करने से बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। कहते हैं कि जिस व्यक्ति से गणेश जी प्रसन्न होते हैं, उसके सारे कष्ट दूर कर देते हैं। कल यानी 14 अगस्त दिन मंगलवार को विनायक चुतर्थी है। ऐसे में गणेश जी के भक्त उनकी पूजा की तैयारियों में लग गए हैं। बता दें कि विनायक चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा की एक खास व्रत और पूजा विधि बताई गई है। मान्यता है कि इस विधि का पालन करते हुए व्रत और पूजा करने से गणेश जी का आसानी से आशीर्वाद पाया जा सकता है।
पूजा व व्रत विधि: आप ब्रह्म मूहर्त में उठकर नित्यकर्म से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद लाल रंग के वस्त्र धारण पहनें। दोपहर में पूजन के समय सोने, चांदी, पीतल, तांबा या मिट्टी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें। संकल्प करने के बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें। और गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं। अब आप गणेश मंत्र ‘ॐ गं गणपतयै नम:’ बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं। इसके बाद गणेश दी को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। गणेश पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ कराएं। अब ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें।
शाम हो जाने पर आप अपना व्रत समाप्त कर सकते हैं। आप चाहें तो पूरे दिन का उपवास भी किया जा सकता है। शाम को उपवास खत्म होने पर गणेश चतुर्थी कथा, श्री गणेश सहस्रनामावली, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का स्तवन करें। संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करने के बाद श्री गणेश की आरती करें। आरती में ‘ॐ गणेशाय नम:’ मंत्र की माला जपें। कहते हैं कि इस विधि में विनायक चतुर्थी पर गणेश जी पूजा करने से उनकी कृपा बरसती है।