Vinayak Chaturthi, Date and Timing, Importance: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। इसका तात्पर्य है कि आपके सारे विघ्नों(दुखों) को हरने वाला। यानी कि जिस व्यक्ति के ऊपर गणेश जी की कृपा होती है, उसके सारे दुख-कष्ट समाप्त हो जाते हैं। ऐसे में भक्त बड़ी ही श्रद्धाभाव के साथ गणपति जी की पूजा-अर्चना करते हैं। मालूम हो कि विनायक चतुर्थी को गणेश की पूजा के लिए बड़ा ही खास दिन बताया गया है। कहते हैं कि विनायक चतुर्थी पर गणेश जी की आराधना करने से वे बड़ी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। और अपने भक्त के सारे कष्टों को दूर करते हैं। साथ ही भक्त की मनोकामनाएं पूरी होने की भी मान्यता है।
मालूम हो कि प्रति माह शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायकी चतुर्थी कहा जाता है। इस माह 14 अगस्त दिन मंगलवार को विनायक चतुर्थी है। इसे देखते हुए गणेश जी के भक्तों के बीच पूजा-पाठ की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। ऐसी मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि का आगमन होता है। माना जाता है कि विनायक चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को उसके पाप कर्मों से छुटकारा मिलता है और वह शख्स धर्म के कार्यों में लग जाता है।
उल्लेखनीय है कि पुराणों के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायकी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। कुछ जगहों पर लोग विनायक चतुर्थी को ‘वरद विनायक चतुर्थी’ के नाम से भी जानते हैं। इस दिन श्री गणेश की पूजा दोपहर-मध्याह्न में की जाती है। यह माना जाता है कि विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा का सर्वोत्तम समय मध्याह्न काल ही होता है। कहते हैं कि इस काल में गणपति की पूजा करने से वे काफी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त की इच्छाओं को पूरा करते हैं।