Vijaya Ekadashi 2025: विजया एकादशी का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बहुत खास माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन सच्चे मन से की गई आराधना से जीवन की हर समस्या दूर हो जाती है और सुख-समृद्धि का मार्ग खुलता है। पंचांग के अनुसार, इस बार विजया एकादशी 24 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार, अगर आप इस दिन भगवान विष्णु को उनके प्रिय फूल चढ़ाते हैं, तो वे जल्दी प्रसन्न होते हैं और मनचाहा आशीर्वाद देते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि किन फूलों को चढ़ाने से श्रीहरि प्रसन्न होते हैं। जानिए भगवान विष्णु के प्रिय फूलों के बारे में।
विजया एकादशी 2025 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, विजया एकादशी की शुरुआत 23 फरवरी 2025 को दोपहर 01:55 बजे होगी और इसका समापन 24 फरवरी 2025 को दोपहर 01:44 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, विजया एकादशी का व्रत 24 फरवरी 2025 को रखा जाएगा। इस दिन व्रत रखने से जीवन में शुभ फल मिलते हैं और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।
इन फूलों को चढ़ाकर भगवान विष्णु को करें प्रसन्न
शास्त्रों के अनुसार, अगर भगवान विष्णु को इन फूलों को अर्पित किया जाएं तो इससे वे बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। इस दिन खासतौर पर ये फूल चढ़ाने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते हैं इन फूलों के बारे में…
गेंदे का फूल
अगर घर में लड़ाई-झगड़े और मनमुटाव चल रहा हो, तो इस दिन भगवान विष्णु को गेंदे का फूल चढ़ाएं। ऐसा कहा जाता है कि इससे पारिवारिक तनाव दूर होता और घर में शांति बनी रहेगी।
कदंब का फूल
भगवान कृष्ण को कदंब का फूल बहुत पसंद है। अगर आप अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत और तरक्की पाना चाहते हैं, तो विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु को कदंब का फूल अर्पित करें। इससे धन संबंधी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में खुशियां आती हैं।
कमल का फूल
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी, दोनों को कमल का फूल बेहद प्रिय है। अगर आप चाहते हैं कि घर में बरकत बनी रहे और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहे, तो ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु को कमल का फूल अर्पित करें।
गुड़हल का फूल
अगर आप आर्थिक संकट से परेशान हैं और पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं, तो वे इस दिन भगवान विष्णु को गुड़हल का फूल चढ़ाएं। इससे धन आगमन के रास्ते खुलते हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।