Vijaya Ekadashi 2025 Date: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल में कुल 24 एकादशी होती है और हर एक एकादशी का अपना-अपना महत्व होता है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष को एकादशी पड़ती है। ऐसे ही फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जानते हैं। विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा और व्रत रखने के विधान है। मान्यता है इस व्रत रखने से जातक को हर एक कार्य में सफलता हासिल होती है और हर एक बाधा दूर हो जाती है। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। आइए जानते हैं विजया एकादशी की तिथि, मुहूर्त, पारण का समय और महत्व…
विजया एकादशी 2025 तिथि (Vijaya Ekadashi 2025 Date)
द्रिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 फरवरी को दोपहर 01 बजकर 55 मिनट पर आरंभ होगी, जो 24 फरवरी को दोपहर 01 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से 24 फरवरी 2025 को विजया एकादशी मनाई जाएगी।
विजया एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त (Vijaya Ekadashi 2025 Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त :05:11 ए एम से 06:01 ए एम
अभिजीत मुहूर्त : 12:12 पी एम से 12:57 पी एम
विजय मुहूर्त:02:29 पी एम से 03:15 पी एम
गोधूलि मुहूर्त :06:15 पी एम से 06:40 पी एम
विजया एकादशी 2025 पारण का समय (Vijaya Ekadashi 2025 Paran Time)
पंचांग के अनुसार, 24 फरवरी को एकादशी व्रत रखने वाले जातक द्वादशी तिथि को व्रत का पारण करें। ऐसे में सुबह 06 बजकर 50 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 08 मिनट तक व्रत का पारण कर सकते हैं।
विजया एकादशी का महत्व (Vijaya Ekadashi 2025 Significance)
विजया एकादशी के दिन मां लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, बकदाल्भ्य मुनि के आज्ञानुसार लंका विजय और रावण के वध की कामना करते हुए समुद्र के तट पर भगवान राम ने इसी एकादशी का व्रत किया था। इसी के कारण इस व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत को रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
कर्मफल दाता हर ढाई साल में राशि परिवर्तन करते हैं। इसके साथ ही वह समय-समय पर अपनी स्थिति में भी बदलाव करते रहते है जिसका असर 12 राशियों के जीवन में जरूर पड़ता है। ऐसे ही शनि करीब 30 साल बाद मीन राशि में उदित होने वाले हैं। जिसके कारण 3 तीन राशियों की किस्मत चमक सकती है। जानें इन राशियों के बारे में
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