Falgun Month Vijaya Ekadaashi : हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। सभी व्रतों में एकादशी का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। वहीं हर माह दो एकादशी आती हैं। आपको बता दें कि फाल्गुन मास की शुरुआत हो चुकी है और फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी 27 फरवरी के दिन पड़ रही है। जिसे विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है।

आपको बात दें कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को हर कार्य में विजय प्राप्त होती है। साथ ही शत्रुओं में पर जीत हासिल होती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।

विजया एकादशी 2022 तिथि और पूजा शुभ मुहूर्त: 

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 26 फरवरी को विजया एकादशी का उपवास रखा जाएगा। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की इस एकादशी तिथि का प्रारंभ शनिवार, 26 फरवरी को सुबह 10 बजकर 39 मिनट से हो जाएगा, जो अगले दिन 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। इसके अलावा विजया एकादशी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है। विजया एकादशी के दिन पूजा का शुभ शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। वहीं अगर इस दिन राहुकाल की बात करें तो शाम के 04 बजकर 53 मिनट से शाम 06 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।

विजया एकादशी इतनी ज्यादा महत्वपूर्ण क्यों है?

वैसे तो हर एकादशी अपने आप में महत्वपूर्ण है, लेकिन विजया एकादशी अपने नाम के अनुसार विजय दिलाने वाली मानी जाती है।इस एकादशी पर भगवान विष्णु की उपासना होती है। इस एकादशी का व्रत करने से आप भयंकर विपत्तियों से छुटकारा पा सकते हैं। साथ ही बड़े से बड़े शक्तिशाली शत्रुओं को परास्त कर सकते हैं। 

विजया एकादशी व्रत विधि:

– इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान करने के बाद भगवान विष्णु का माता लक्ष्मी के साथ पूजन करें।

– पूजन में फल-फूल, गंगाजल, धूप, दीप और प्रसाद आदि का प्रयोग करें। इस व्रत में पूरे दिन निराहार रहा जाता है अगर ऐसा कर पाना संभव न हो तो आप किसी भी एक समय फलाहार कर सकते हैं। फलों के रस का सेवन भी इस व्रत में किया जा सकता है।

– एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की विधि विधान पूजा करने के बाद अगले दिन सुबह यानी द्वादशी तिथि पर फिर से विष्णु पूजन करें। उसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा दें और अपना व्रत खोल लें। (यह भी पढ़ें)- साप्ताहिक राशिफल, 21 फरवरी से 27 फरवरी 2022: कर्मफल दाता शनि देव होंगे उदय, कर्क और वृश्चिक राशि वालों को मिलेगा किस्मत का साथ, जानिए आपके लिए कैसा रहेगा ये हफ्ता

विजया एकादशी पूजा विधि :

पूजा के लिए एक वेदी बनाकर उस पर सात प्रकार के धान रखें। उस पर जल से भरा कलश स्थापित कर आम या अशोक के पत्ते सजाएं। वेदी तैयार करने के बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। फिर श्री हरि को पीले फूल, ऋतुफल, तुलसी आदि चीजें अर्पित करें और धूप-दीप से उनकी आरती उतारें। संभव हो तो इस दिन घी का अखंड दीपक जलाएं। एकादशी व्रत की कथा पढ़ना न भूलें। (यह भी पढ़ें)- 30 साल शनि देव अपनी स्वराशि में करेंगे गोचर, इन 4 राशि वालों वालों को धनलाभ के साथ राजनीति में तरक्की के भी प्रबल योग