Vijaya Ekadaashi : हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। सभी व्रतों में एकादशी (Ekadashi) का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। वहीं फाल्गुन महीने (Falgun Month) के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी की तिथि को विजया एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है। साथ ही इस एकादशी पर व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और मान्यता है कि शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। इसीलिए इस एकादशी को विजया एकादशी भी कहा जाता है। इस बार ये व्रत 27 फरवरी 2022 दिन रविवार को रखा जाएगा।
आपको बात दें कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को हर कार्य में विजय प्राप्त होती है। और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं महत्व, पूजन विधि और व्रत पारण समय…
विजया एकादशी शुभ मुहूर्त:
विजया एकादशी का व्रत 27 फरवरी को रखा जाएगा। पारण मुहूर्त 27 फरवरी को सुबह 06 बजकर 47 मिनट से 09 बजकर 06 मिनट तक किया जा सकेगा। व्रत पारण के लिए जातक को 2 घंटे 18 मिनट का समय मिलेगा। विजया एकादशी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है।
विजया एकादशी पूजा विधि :
पूजा के लिए एक वेदी बनाकर उस पर सात प्रकार के धान रखें। उस पर जल से भरा कलश स्थापित कर आम या अशोक के पत्ते सजाएं। वेदी तैयार करने के बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। फिर श्री हरि को पीले फूल, ऋतुफल, तुलसी आदि चीजें अर्पित करें और धूप-दीप से उनकी आरती उतारें। संभव हो तो इस दिन घी का अखंड दीपक जलाएं। एकादशी व्रत की कथा पढ़ना न भूलें। (यह भी पढ़ें)- बिजनेस करने में माहिर माने जाते हैं इन 3 राशि लोग, अपनी बातों से किसी को भी कर सकते हैं इम्प्रेस
विजया एकादशी व्रत कथा:
पौराणिक कथा के अनुसारजब भगवान श्रीराम लंका पर चढ़ाई करने के लिए समुद्र तट पर पहुंचे, तो श्री राम ने समुद्र देव से मार्ग देने की प्रार्थना की परन्तु समुद्र देव ने भगवान राम को लंका जाने का मार्ग नहीं दिया, तब भगवान राम ने मुनि की आज्ञा के अनुसार विजय एकादशी का का व्रत किया, मान्यता है जिसके प्रभाव से समुद्र ने मार्ग प्रदान किया। साथ ही भगवान श्री राम से रावण से निर्णायक युद्ध से पहले भी विजया एकादशी पर व्रत विधि पूर्वक किया था और रावण को युद्ध में परास्त किया था। (यह भी पढ़ें)- Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्रि पर ग्रहों का महासंयोग, इन 4 राशि वालों पर रहेगी भगवान शिव की विशेष कृपा
