Vidur Thoughts on Money and Wealth: विदुर जी को महाभारत काल के सबसे समझदार व्यक्तियों में से एक माना जाता है। कहते हैं कि विदुर जी की समझदारी और श्रीकृष्ण के संग की वजह से ही महाभारत युद्ध में पांडवों को विजय प्राप्त हुई थीं। उन्हें उनकी चतुरता की वजह से ही प्रसिद्धि प्राप्त हुई थी।
विदुर नीति में विदुर जी के विचारों को जगह दी गई है। विदुर नीति में ऐसे लोगों के बारे में भी बताया गया है, जिन्हें उनके दुर्गुणों की वजह से देवी लक्ष्मी की कृपा कभी प्राप्त नहीं होती है यानी वह लोग हमेशा धन के अभाव में रहते हुए अपना जीवन व्यतीत करते हैं।
बेईमानी – विदुर नीति में यह बताया गया है कि जो व्यक्ति बेईमान होता है, उस पर कभी देवी लक्ष्मी की कृपा नहीं बरसती है। कहा जाता है कि बेईमान व्यक्ति यह सोचता है कि वह अपनी बेईमानी से अपार धन संचय कर लेगा लेकिन बेईमानी से संचय किया हुआ सारा धन फिजूल खर्चों में जाता है। बताया जाता है कि ऐसे व्यक्ति को धन की प्राप्ति हो भी जाए तो वह व्यक्ति कभी उस धन का सुख नहीं भोग पाता है। इसलिए विदुर जी कहते हैं कि व्यक्ति को ईमानदारी से जीवन व्यतीत करना चाहिए।
नियति में विश्वास कर कर्म न करना – कई लोग अपनी नियति पर इतना अधिक विश्वास कर लेते हैं कि उसके बाद अपने कर्मों को प्रभावशाली बनाने के बारे में सोचना ही छोड़ देते हैं। विदुर जी कहते हैं कि ईश्वर ने हर किसी के भाग्य की रचना की है लेकिन भाग्य के शुभ फलों की प्राप्ति उस व्यक्ति को होती है, जो अपने लिए मेहनत करता है और अपने लक्ष्य की प्राप्ति करने के लिए स्वयं थोड़ी मेहनत करता है। इसलिए हाथ पर हाथ धरे न बैठें, उठें और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए स्वयं मेहनत करें।
दूसरों पर आश्रित रहने वाले – विदुर जी कहते हैं कि जो लोग दूसरों पर आश्रित रहते हुए अपना जीवन बिता देते हैं, ऐसे लोगों पर कभी भी देवी लक्ष्मी अपनी कृपा नहीं बरसाती है। बताया जाता है कि ऐसे लोग अपनी नाकामयाबी की वजह भी दूसरों को बताते हैं।

