Vidur Niti: विदुर नीति महाभारत काल के विदुर जी के विचार हैं। बताया जाता है कि विदुर जी बहुत बुद्धिमान थे। उनके प्रतिद्वंद्वियों से लेकर पांडवों तक सभी उनसे विभिन्न विषयों पर उनके विचार जानना चाहते थे। कहते हैं कि महाभारत युद्ध में पांडवों की विजय की एक वजह विदुर जी की चतुर बुद्धि भी है। माना जाता है कि विदुर जी को लोगों और समाज की बहुत अच्छी पहचान थीं। इसलिए ही विदुर नीति में यह भी बताया गया है कि ऐसे कौन-से लोग हैं जिन्हें अपनी आदतों की वजह से जीवन में कभी धोखा नहीं खाना पड़ता हैं।

चतुर – बताया जाता है कि जो लोग चतुर होते हैं वह चारों और अपनी बुद्धि लगाकर ही कोई कार्य करते हैं। इसलिए बहुत कम संभावनाएं होती हैं कि चतुर व्यक्ति कभी धोखा खा सकता है। इसलिए ही समाज में चतुर व्यक्ति से कोई भी व्यक्ति बात करते में हिचकिचाता है और अपने शब्दों को तोलकर ही उसके सामने रखता है। इसलिए ही यह कहा जाता है कि ऐसे लोग धोखा नहीं खाते हैं।

अनुशासन में रहने वाला – कहते हैं कि जो व्यक्ति स्वयं को अनुशासित रखता है ऐसा व्यक्ति कभी किसी दूसरे व्यक्ति से धोखा नहीं खा सकता है। क्योंकि अनुशासन में रहने की वजह से उसकी पूरी दिनचर्या और जीवन चर्या बहुत जरूरी कार्यों से परिपूर्ण होती हैं। इसलिए ऐसे में यह संभावनाएं बहुत कम हो जाती हैं कि अनुशासन में रहने वाले व्यक्ति को कोई धोखा दे सके। क्योंकि उसके पास अन्य लोगों के लिए समय ही नहीं होता है।

समझदारी से निर्णय लेने वाला – माना जाता है कि जिंदगी की जंग वही जीता है जो अपने हर एक निर्णय को बहुत समझदारी से लेता है। क्योंकि हमारी जिंदगी के छोटे-छोटे निर्णय हमें एक बड़ा निर्णय लेने की ओर आगे बढ़ाते हैं। इसलिए बताया जाता है कि वह व्यक्ति कभी धोखा नहीं खाता जो अपने निर्णय हमेशा समझदारी के साथ लेता है। चाहें वह निर्णय छोटे हों या बड़े हों।

कठोर वाणी वाला व्यक्ति – सामान्य तौर पर लोग यह कहते हैं कि सभी को मधुर भाषी होना चाहिए। लेकिन बताया जाता है कि जो व्यक्ति कठोर वाणी में ही अपनी बात को रखता है और अपने फैसले भी कठोर वाणी में ही सुनाता है। उसकी बातों का मूल्य बढ़ जाता हैं और लोग उसे ध्यान से सुनना शुरू कर देते हैं। ऐसे लोगों से लोग डरते हैं इसलिए बहुत संभलकर ही इनके सामने कोई शब्द कहते हैं। इस वजह से धोखा खाने की संभावनाएं कम हो जाती हैं।