Vidur Niti: विदुर नीति (Vidur Niti) में विदुर जी के विचार बताए गए हैं। माना जाता है कि विदुर बहुत समझदार थे। लेकिन वह एक दासी के पुत्र थे इसलिए उन्हें राजा नहीं बनाया गया। महाभारत काल से ही विदुर नाम सुनकर लोगों के जहन में बुद्धिमानी आती है। कहते हैं की विदुर जीवन से जुड़े सभी विषयों को बहुत गहराई से समझते थे। इसलिए ही आज भी उनका नाम बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है। हस्तिनापुर में विदुर की सलाहों को बेहद अहमियत दी जाती थी। धार्मिक ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि उनकी सलाहों में संपूर्ण मनुष्य जाति का भला छिपा होता था। विदुर नीति में खुशहाल जीवन के राज़ बताए गए हैं। आइए जानते हैं –
इनका करें त्याग: जो मुनष्य स्वयं अपना और समाज का कल्याण करना चाहते हैं, उन्हें कई चीजों का त्याग करने की आवश्यकता होती है। विदुर नीति में इस बात का जिक्र मिलता है कि व्यक्ति को आलस्य, नींद, डर, गुस्सा और तंद्रा का त्याग करना चाहिए। उनके अनुसार सुखी जीवन के लिए इन 5 दोषों से दूरी बना लेनी चाहिए।
विश्वास करना सीखें: विदुर ने अपनी नीति पुस्तक में इस बात का जिक्र किया है कि लोगों को सद्कर्मों, गुरुजनों व मित्रों पर भरोसा करना चाहिए। उनके अनुसार जो लोग खुद पर, अपने द्वारा किये गए अच्छे कार्यों पर भरोसा नहीं करते या फिर गुरुजों को लेकर मन में संदेह रखते हैं अथवा दोस्तों की दोस्ती पर सवाल खड़ा कर उनसे दूर हो जाते हैं, ऐसे लोग जीवन में सुख की अनुभूति नहीं कर पाते हैं।
माफ करना सीखें: महात्मा विदुर ने अपनी नीति में लिखा है कि लोग ये समझना छोड़ दें कि जो लोग माफी मांगते हैं वे कमजोर होते हैं। उनके अनुसार ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, बल्कि वो कहते हैं कि क्षमा करने वाले लोग बहुत साहसी और हिम्मत वाले होते हैं। विदुर जी की मानें तो माफी जहां कमजोर लोगों का गुण और बलवानों का गहना होता है।
लालच और गुस्से से रहें दूर: विदुर नीति में लिखा है कि खुशहाल जीवन व्यतीत करने के लिए लोगों को गुस्सा, लालच और वासना से दूरी बनानी चाहिए। महात्मा विदुर के अनुसार ये तीनों दुर्गुण मनुष्यों की आत्मा का नाश करने वाले माने जाते हैं। इसलिए लोगों को इन आदतों से दूर ही रहना चाहिए।
ये लोग सदा रहते हैं दुखी: विदुर की मानें तो जो लोग दूसरों से घृणा करते हैं, असंतुष्ट होते हैं, दूसरों पर आश्रित होते हैं – उन्हें अपने आसपास की खुशियां जल्दी दिखाई नहीं देती हैं। इसके अलावा, ईर्ष्यालु और शंकालु लोग भी अपनी जिंदगी में दुखी रहते हैं।