शादी की उम्र हो गई है लेकिन किसी न किसी कारण शादी नहीं हो पा रही है या शादी में बाधाएं आ रही हैं तो वास्तु के कुछ उपाय आपकी मदद कर सकते हैं। वास्तु अनुसार विवाह योग्य लड़के-लड़कियों को दक्षिण या फिर दक्षिण पश्चिम दिशा में नहीं सोना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से विवाह के रिश्ते अच्छे नहीं आते हैं। इसलिए सोते समय पैर हमेशा उत्तर दिशा की तरफ रखें। जानिए वास्तु शास्त्र में शादी के लिए और क्या उपाय बताए जाते हैं…

इस बात का ध्यान रखें कि विवाह की बात करने जो लोग आपके घर आएं उनका मुख घर के अंदर की तरफ होना चाहिए। क्योंकि बाहर की तरफ मुख होने पर शादी की बात पक्की होने की संभावना कम रहती है। वास्तु अनुसार विवाह योग्य लड़के-लड़कियों को काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। ये रंग शनि, राहु और केतु का प्रतिनिधित्व करता है और ये तीनों ग्रह विवाह में बाधा उत्पन्न करते हैं। हो सके तो लाल, पीले या हरे रंग के कपड़े पहनें। इससे विवाह शीघ्र होने के आसार बढ़ जाते हैं।

जिनकी शादी में बार-बार रुकावट आ रही है तो उन्हें हमेशा ऐसे कमरे में सोना चाहिए, जहां एक से अधिक दरवाजे और खिड़कियां हों। ध्यान रखें कि ऐसे कमरों में बिल्कुल भी नहीं सोएं, जहां हवा और रोशनी का प्रवेश ना के बराबर हो। वास्तु अनुसार विवाह योग्य जातकों के कमरे का रंग गहरा नहीं होना चाहिए, ऐसा करने से विवाह में देरी होती है। साथ ही जहां पर बीम लटका हुआ हो वहां भी नहीं सोना चाहिए। कमरे का रंग और बेडशीट का रंग हल्का रखना चाहिए। शीघ्र विवाह के लिए सोमवार के व्रत भी उत्तम माने जाते हैं।

विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए अपना बेड दरवाजे के करीब लगाना चाहिए। घर के दक्षिण पश्चिम भाग में लाल फूलों की पेंटिग लगाने से भी विवाह के शीघ्र योग बनते हैं। विवाह की उम्र के लोगों को अपने कमरे में खाली बड़ा बर्तन बंद करके नहीं रखना चाहिए। इससे विवाह में देरी होने की मान्यता है। विवाह योग्य युवक-युवतियों को अपने बेड के नीचे लोहे का सामान या किसी भी तरह के कूड़े-कबाड़ को नहीं रखना चाहिए।