Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में पेड़-पौधे और फूलों के अलावा दिशा का भी अत्यधिक महत्व बताया गया है। किस दिशा में क्या रखना शुभ होता है और क्या रखना अशुभ होता है। आइए वास्तु शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि शीशे को घर की किस दिशा में रखना शुभ होता और किस दिशा में रखना अशुभ।
दक्षिण और पश्चिम दिशा में नहीं लगाना चाहिए शीशा
घर के दक्षिण और पश्चिम दिशा में कभी भी आइना नहीं लगाना चाहिए। यदि लगा हो, तो उसे तुरंत हटा दें। मान्यता है कि इन दिशाओं में आइन लगाने से परिवारिक क्लेश होने की संभावना बढ़ जाती है। घर के सदस्यों के बीच मनमुटाव होने लगता है, जिससे घर की शांति भंग हो जाती है। अगर इन दिशाओं में शीशा किसी कारणवश नहीं हटा पा रहें हो तो उसे किसी कपड़े से ढ़क देना चाहिए, जिससे की उसकी नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव घर के किसी सदस्य पर न पड़ें।
घर में कभी न रखें टूटे शीशे
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कभी भी टूटा हुआ शीशा न तो रखना चाहिए और न ही लगाना चाहिए। वहीं टूटे हुए शीशे में कभी चेहरा भी नहीं देखना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना गया है। मान्यता है कि घर में टूटा हुआ शीशा रखने से नकारात्मक ऊर्जा आती है।
साफ शीशे में ही देखें चेहरा
हमेशा साफ शीशे में ही चेहरा देखना चाहिए। मान्यता है कि धुंधले शीशे में चेहरा देखने से आपकी छवि खराब हो सकती हैं।
पूर्व और उत्तर दिशा में लगाना चाहिए शीशा
घर में हमेशा पूर्व और उत्तर दिशा की ओर शीशा लगाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार इन दिशाओं में शीशा लगाना शुभ माना गया है। उत्तर दिशा धन कुबेर की दिशा होती है। इस दिशा में शीशा लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। साथ ही सुख-समृद्धि भी आने की मान्यता है।
