हिंदू धर्म में हर धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रम में भगवान को पुष्प अर्पित किए जाते हैं। क्योंकि भगवान के चरणों में पुष्प अर्पित करने पर पुण्य की वृद्धि, पापों का नाश व प्रचुर मात्रा में उत्तम फलों की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आपको पता है शास्त्रों में अलग- अलग देवी- देवताओं को भिन्न- भिन्न फूल चढ़ाने का जिक्र मिलता है। वहीं कई ऐसे पुष्प भी हैं जिन्हें भगवान को नहीं चढ़ाया जाता। इन्हें चढ़ाना अशुभ माना जाता है। आइए जानते हैं इन पुष्पों के बारे में…

सूर्य देव की पूजा

शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव की पूजा में बेलपत्र अर्पित नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव रुष्ट हो सकते हैं। साथ ही उनका प्रकोप आपको झेलना पड़ सकता है।

भगवान राम की पूजा

शास्त्रों में भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, महाशिवरात्रि का वर्णन मिलता है और मान्यता है भगवान एक लौटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए अगर आप भगवान राम की पूजा करते हैं तो उनकी पूजा में कभी भी कनेर के फूलों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यह अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होगा।

भगवान शिव की पूजा

भगवान शिव की पूजा में कभी भी किसी व्यक्ति को केतकी या केवड़े के फूल नहीं अर्पित करने चाहिए। क्योंकि इन फूलों के उपयोग से भगवान शिव रुष्ट हो सकते हैं, जिससे पूजा का फल भी नहीं प्राप्त होगा।

भगवान् विष्णु की पूजा

शास्त्रों के मुताबिक विष्णु भगवान को कभी अगस्त्य के फूल नहीं अर्पित करने चाहिए। साथ ही माधवी और लोध के फूलों का उपयोग भी भगवान नारायण की पूजा में निषेध बताया है। ऐसा करने से नारायण भगवान नाराज हो सकते हैं।

गणेश भगवान की पूजा

भगवान गणपति को दूर्वा अर्पित कर सकते हैं। ऐसा करने से भगवान गणपति प्रसन्न होते हैं। लेकिन तुलसी गणपति को नहीं चढ़ानी चाहिए। ऐसा करने से आपको पूजा का फल प्राप्त नहीं होगा।

भगवान कृष्ण को प्रिय हैं ये पुष्प

भगवान कृष्ण को कुमुद, कनेर, मल्लिका, जाती, चंपा, तगर, पलाश के पत्ते व पुष्प, दूर्वा, भृंगार का पुष्प चढ़ा सकते हैं। ऐसा करने से आपको भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होगा।