अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है घर को पूरी तरह से साफ-सफाई रखें, किसी भी प्रकार से गंदगी नहीं फैली हो। स्वास्थ्य की दृष्टि से तो ये लाभकारी है ही इसी के साथ ये वास्तु शास्त्र के अनुसार भी लाभदायक मानी जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि घर की गंदगी स्वास्थ्य के साथ आर्थिक नुकसान का कारण होती है। इसी के साथ माना जाता है कि जूते-चप्पलों से घर में आने वाली गंदगी के कारण भी वास्तु दोष उत्पन्न होता है। घर में आने वाली मिट्टी में तरह-तरह की नकारात्मक शक्तियां वास करती हैं जिससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है।

– वास्तु दोष से बचने के लिए घर में आकर जूते-चप्पलों को व्यवस्थित ढंग से रखना ही लाभकारी होता है। हमेशा जूतों को घर की पश्चिम दिशा में ही रखना चाहिए।
– घर में प्रवेश करते समय जूते-चप्पल घर के बाहर उतारने का प्रचलन हमारे शास्त्रों में है। इससे घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती हैं।
– उलटे पड़े जूते-चप्पलों को वास्तु दोष का बड़ा कारण माना जाता है, इन्हें हमेशा सीधा ही रखना चाहिए।
– घर के मुख्य दरवाजे के पास या सामने जूते-चप्पल नहीं रखने चाहिए।
– वास्तु शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि पलंग या बिस्तर के पास जूते रखने से उनमें मौजूद नकारात्मक शक्तियां सीधा हमारे दिमाग में घर कर सकती हैं।

– यदि जूते या चप्पल खराब हो गए हैं या उनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा हो तो उन्हें किसी को दान करना ही लाभकारी होता है। घर में बिखरे हुए जूते-चप्पल शनि की क्रूर दशा को निमंत्रण देते हैं।
– चप्पल-जूतों को मंदिर और रसोईघर के आस-पास नही रखना चाहिए। इससे स्वास्थ सम्बन्धी समस्या हो सकती हैं और इसे अशुभ भी माना जाता है।
– जूते पहनकर भोजन करने से दुर्भाग्य को बुलावा मिलता है।
– घर में बाथरुम की चप्पलों को हमेशा अलग रखना चाहिए, माना जाता है कि बाथरुम में दरिद्रता का वास होता है।