Chaitra Varad Chaturthi 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि विनायक या वरद चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। ऐसे ही चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रत रखा जा रहा है। इसे वरद या विनायक चतुर्थी कहा जाएगा। आज के दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने से व्यक्ति को हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही व्यक्ति की मनचाही मुरादे पूरी हो जाती है। आइए जानते हैं वरद चतुर्थी का मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र…

वरद चतुर्थी 2024 तिथि

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आरंभ- 11 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 3 मिनट से शुरू
चतुर्थी तिथि समाप्त- 12 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 12 मिनट तक

वरद चतुर्थी 2024 शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, वरद चतुर्थी के दिन सौभाग्य योग बन रहा है। आज सुबह 4 बजकर 29 मिनट से लेकर पूरे दिन सौभाग्य योग रहेगा।

वरद चतुर्थी 2024 पर वर्जित चंद्र दर्शन

आज सुबह 8 बजकर 39 मिनट से रात 10 बजकर 50 मिनट तक चंद्रोदय है। इस दौरान चंद्रमा देखने से बचना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा देखने से किसी प्रकार का कलंक का सामना करना पड़ सकता है।

वरद चतुर्थी 2024 पूजा विधि

आज सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करके व्रत का संकल्प ले लें। इसके बाद भगवान गणेश की पूजा आरंभ करें। एक लकड़ी की चौकी में लाल रंग का वस्त्र बिछाकर गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर रखें। इसके बाद जल चढ़ाने के बाद फूल, माला, दूर्वा, सिंदूर, गीले अक्षत चढ़ाएं। इसके बाद भोग में मोदक, बूंदी के लड्डू, बेसन के लड्डू आदि चढ़ाएं। फिर जल चढ़ाने के साथ घी का दीपक और धूप जला लें। फिर शांति के साथ गणेश चालीसा, गणेश मंत्र, स्त्रोत के साथ व्रत कथा का पाठ कर लें। अंत में गणेश आरती करने के साथ भूल चूक के लिए माफी मांग लें।

गणेश मंत्र

‘गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।

  • ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
  • ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा।
  • ॐ गं क्षिप्रप्रसादनाय नम।
  • ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गण्पत्ये वर वरदे नमः
  • ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात ।।

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