Vinayak Chaturthi 2025 Date: हिंदू धर्म में वैशाख विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन जो भक्त व्रत रखकर भगवान गणेश की आराधना करता हैं, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। गणेश जी के निमित्त व्रत पूजा करने से सुख और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है। वहीं यहां हम बात करने जा रहे हैं वैखाश विनायक चतुर्थी के बारे में, जो 1 मई को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त…
वैशाख विनायक चतुर्थी तिथि 2025 (Vinayak Chaturthi Tithi 2025)
वैदिक पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि 30 अप्रैल की दोपहर के 2 बजकर 11 मिनट से आरंभ होकर 1 मई को सुबह 11 बजकर 24 मिनट पर रहने वाली है। ऐसे में उदया तिथि में गुरुवार, 1 मई को विनायक चतुर्थी पर्व मनाया जाएगा।
वैशाख विनायक चतुर्थी के शुभ योग (Vinayak Chaturthi Shubh Yoga)
पंचांग के मुताबिक विनायक चतुर्थी पर रवि और सुकर्मा योग बन रहे हैं। ज्योतिष में इन योगों का विशेष महत्व है। इन योगों में भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और घर परिवार में खुशियों का आगमन होता है।
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का पंचांग
सूर्योदय का समय – सुबह 05 बजकर 40 मिनट पर होगा-
सूर्यास्त का समय – शाम 06 बजकर 56 मिनट पर होगा-
चन्द्रोदय का समय – सुबह 08 बजकर 23 मिनट पर होगा.
चंद्रास्त का समय – रात 11 बजकर 18 मिनट पर होगा.
ब्रह्म मुहूर्त का समय – सुबह 04 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर 04 बजकर 57 मिनट तक रहेगा.
विजय मुहूर्त का समय – दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 03 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.
गोधूलि मुहूर्त का समय- शाम 06 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर 07 बजकर 17 मिनट तक रहेगा.
निशिता मुहूर्त का समय – रात के 11 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा.
वैखाश विनायक चतुर्थी का महत्व
विनायकी चतुर्थी के दिन व्रत करने और इस दिन गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान और बुद्धि प्राप्ति होती है। साथ ही गणेश भगवान सभी कष्ट हर लेते हैं। वहीं कार्यों में सिद्धि मिलती है।