Vaishakh Purnima 2024: हिंदू धर्म में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व है। वहीं आपको बता दें कि वैशाख महीने की पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इस पूर्णिमा को सिद्ध विनायक पूर्णिमा या सत्य विनायक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। वैदिक पंचांग के मुताबिक वैशाख मास के पूर्णिमा तिथि के दिन वैशाख पूर्णिमा व्रत रखा जा रहा है। साथ ही धार्मिक ग्रंथों में इस दिन के महत्व को विस्तार से बताया गया है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना का विधान है। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से विशेष लाभ होता है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन दान- स्नान करने का भी विशेष महत्व है। वहीं आपको बता दें कि इस साल 12 मई को वैखाश पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। आइए जानते हैं तिथि और दान- स्नान करने का शुभ मुहूर्त…
वैशाख पूर्णिमा तिथि 2025
वैदिक पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा की तिथि 11 मई दिन रविवार को रात 8 बजकर 2 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इस तिथि का अंत 12 मई सोमवार को रात 10 बजकर 24 मिनट पर समातप्त होगी। वहीं आपको बता दें व्रत, स्नान, दान के लिए उदयातिथि और चंद्रोदय समय के आधार पर इस साल वैशाख पूर्णिमा 12 मई सोमवार को है। वहीं12 मई को वैशाख पूर्णिमा का चंद्रोदय शाम को 6 बजकर 57 मिनट पर होगा।
वैशाख पूर्णिमा दान- स्नान का शुभ मुहूर्त
वैशाख पूर्णिमा का स्नान ब्रह्म मुहूर्त में करना शुभ फलदायी माना जाता है। आपको बता दें कि वैशाख पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त 04:09 ए एम से 04:50 ए एम तक है. इस समय में पवित्र नदी में स्नान करें, उसके बाद दान करें। वैशाख पूर्णिमा का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है। इस बीच में आप पूजा- अर्चना कर सकते हैं।
वैशाख पूर्णिमा का महत्व
वैशाख पूर्णिमा के दिन दान- स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वैशाख महीने की पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। कहा जाता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। साथ ही व्रत करके चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली का चंद्र दोष मिटता है।