Utpanna Ekadashi 2025 Date: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व माना गया है। हर माह शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में दो एकादशी आती हैं,और प्रत्येक का अपना अलग धार्मिक व आध्यात्मिक महत्व होता है। इन्हीं में से मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी बेहद शुभ मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने का नियम है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अपने प्रिय मित्र सुदामा को इस व्रत का महत्व बताया था। माना जाता है कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखने से भक्तों को कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं। इस वर्ष एकादशी तिथि दो दिनों पर पड़ने के कारण भक्तों में थोड़ी उलझन की स्थिति बनी हुई है। आइए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पारण का समय और धार्मिक महत्त्व…

Gemini Horoscope 2026-2031: मिथुन राशि के जातकों के कैसे बीतेंगे अगले 5 साल, जानें 2031 तक करियर, बिजनेस से लेकर आर्थिक स्थिति का हाल

कब है उत्पन्ना एकादशी 2025? (Utpanna Ekadashi 2025 Date)

हिंदू पंचांग के अनुसार,मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 15 नवंबर 2025 को सुबह 12 बजकर 49 मिनट पर आरंभ हो रही है, जो 16 नवंबर को तड़के 02 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के आधार पर उत्पन्ना एकादशी व्रत 15 नवंबर 2025, शनिवार को रखा जाएगा।

उत्पन्ना एकादशी 2025 पारण का समय (Utpanna Ekadashi 2025 Paran Time)

उत्पन्ना एकादशी का व्रत का पारण दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से दोपहर 02 बजकर 49 मिनट तक

उत्पन्ना एकादशी 2025 का महत्व (Utpanna Ekadashi 2025 Significance)

हिंदू धर्म में उत्पन्ना एकादशी का अत्यंत विशेष महत्व बताया गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु के अंश से एक दिव्य देवी का प्राकट्य हुआ, जिन्हें एकादशी का नाम दिया गया। कथा के अनुसार, जब भगवान विष्णु चार माह की योगनिद्रा में थे, तभी मुर नामक एक राक्षस ने उन पर आक्रमण करने का प्रयास किया। उस समय विष्णु भगवान के शरीर से एक तेजस्वी देवी का उद्भव हुआ, जिन्होंने मुरासुर का वध कर भगवान की रक्षा की।

योग निद्रा से जागने पर विष्णु भगवान देवी से प्रसन्न हुए और उन्हें एकादशी देवी के रूप में पूजित होने का वरदान प्रदान किया। इसी कारण मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन विधिवत एकादशी व्रत रखकर भगवान विष्णु की आराधना करता है, उसे दुःख-दर्द से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है।

10 नवंबर से इन राशियों के शुरू हो सकते हैं अच्छे दिन, शुक्र-मंगल बनाएंगे अद्भुत योग, हर क्षेत्र में होंगे सफल

उत्पन्ना एकादशी पर पढ़ें ये मंत्र

1- विष्णु बीज मंत्र
ॐ वं विष्णवे नमः ॥

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥

विष्णु गायत्री मंत्र
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥

विष्णु सहस्त्रनाम का छोटा जप मंत्र
श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्रम् नमः ॥

नवंबर माह कुछ राशि के जातकों के लिए काफी खास हो सकता है। नवंबर माह में हंस राजयोग, नवपंचम राजयोग, रुचक, विपरीत राजयोग का निर्माण हो रहा है, जिससे 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव देखने को मिलने वाला है। आइए जानते हैं। 12 राशियों के लिए नवंबर माह कैसा होगा। जानें मासिक राशिफल

मेष राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलवृषभ राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
मिथुन राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलकर्क राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
सिंह राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलकन्या राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
तुला राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलवृश्चिक राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
धनु राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलमकर राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
कुंभ राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलमीन राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल

डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।