Utpanna Ekadashi 2022: इस बार उत्पन्ना एकादशी 20 नवंबर 2022 को रविवार के दिन पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था। इसलिए इसे उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। इस दिन उपवास करने का भी बहुत महत्व है।
ज्योतिष के अनुसार एकादशी माता भगवान विष्णु का ही रूप है। मान्यता के अनुसार इस दिन उत्पन्न होकर एकादशी माता ने मुर नाम के राक्षस का वध किया था। मान्यता के अनुसार इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती और कष्ट दूर हो जाते हैं।
उत्पन्ना एकादशी 2022 पूजा विधि
इस दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। अब व्रत का संकल्प लें और अक्षत, धूप और घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु की पूजा करें। व्रत रखने के दौरान अन्न नहीं ग्रहण किया जाता है। इन दिन दान करने का भी महत्व हैं।
उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा
कहा जाता है कि उत्पन्ना एकादशी की कथा भगवान विष्णु ने युधिष्ठिर को सुनाई थी। पौराणिक कथा के अनुसार मुर नाक का एक शक्तिशाली दानव था। उसके आंतक से सभी संत और देवता परेशान थे। यहां तक ही उसने अपनी शक्ति से स्वर्ग पर भी विजय प्राप्त कर ली थी।
इससे डरकर इंद्र देव भगवान शिव के पास गए और सारी बात बताई। भगवान शिव ने उन्हें भगवान विष्णु के पास जानें को कहां। उसके बाद सभी देवता भगवान विष्णु के पास गए और मुर दानव के आतंक से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की।
उसके बाद मुर का वध करने के लिए भगवान विष्णु जाते है। मुर और भगवान विष्णु में चलता है। इस दौरान उन्हें नींद आ जाती है और वह एक गुफा में सोन चले जाते हैं। तभी मुर वहां पहुंच जाता है और हमला कर देता है। उसकी समय भगवान विष्णु के शरीर से कन्या का जन्म होता है। इस कन्या ने ही मुर राक्षस का वध किया था।