Ugadi 2019 Date in India: उगादी पर्व को लेकर लोगों में उत्साह है। मुख्य रुप से यह पर्व आंध्र प्रदेश में मनाया जाता है। चैत्र माह के प्रथम अर्ध चन्द्रमा के दिन उगादी महोत्सव मनाने की परंपरा है। इस महोत्सव के दिन को ही हिंदू कैलेंडर में नवर्ष की शुरुआत माना गया है। हर साल यह खास दिन मार्च या अप्रैल महीने के बीच आता है। इस पर्व को लेकर कई सारी मान्यताएं प्रचलित है। प्रचलित मान्यता के मुताबिक यूं तो यह पर्व ब्रह्मा जी को समर्पित है, लेकिन पर्व को लेकर यह भी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था।
आम के पत्ते से सजाते हैं द्वार: आंध्र प्रदेश में इस पर्व को लेकर लोगों के बीच उत्साह काफी रहता है। इस दिन कई लोग अहले सुबह उठकर अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और घरों के प्रवेश द्वार को आम के पत्तों से सजाते हैं। इतना ही नहीं लोग इस दिन नए कपड़े खरीदते हैं, स्वादिष्ठ मिठाइयां बनाते हैं और मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना भी करते हैं। तेलंगाना में यह पर्व तीन दिनों तक लगातार मनाया जाता है। लोग भगवान को इस दिन चमेली के फूलों का हार भी चढ़ाते हैं।
उगादी पर्व का इतिहास: एक खास बात यह भी है कि उगादी के दिन को हिंदू धर्म में एक शुभ मुहूर्त के तौर पर माना जाता है। कई लोग इस दिन से अपने किसी नए काम की शुरुआत भी करते हैं। ये भी माना जाता है की उगादी के दिन से काल गणना का आरम्भ हुआ था। महाराज विक्रमादित्यजी ने 2054 वर्ष पहले राष्ट्र की शुसंगठित कर शकों को देश से निकाल दिया था और उनके ही मूल स्थान अरब पर विजय प्राप्त किया था। इसी विजय की स्मृति में हिन्दू धर्म ने उगादी त्यौहार मनाई। तब से यह पर्व हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
उगादी पर्व की तैयारी घरों में करीब दो हफ्ते पहले से ही शुरू हो जाती है। इससे पता चलता है की उगादी पर्व को लेकर लोगों में कितना उत्साह रहता है। त्योहार के इंतजार में घरों को रंगीन रोशनी लाइट्स और तरह तरह के फूल से सजाया जाता है। घरों के चौराहों में बनाई गई रंगोली इस त्यौहार की सबसे ज्यादा आकर्षित सजावट होती है। ऐसा माना जाता है की रंगोली की रंगों की तरह घरों में खुशी और शान्ति की बनी रहेगी।