Tulsi Upay: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि तुलसी में मां लक्ष्मी का वास होता है। इसके साथ ही विष्णु जी को तुलसी अति प्रिय है। ऐसे में जिस घर में तुलसी का पौधा होता है। वहीं पर मां लक्ष्मी की असीम कृपा होती है। इसके साथ ही घर में वास्तु दोष नहीं होता है और सुख-समृद्धि, खुशहाली वास करती हैं। तुलसी के पौधे संबंधी कई उपायों के बारे में आपने सुना और किया होगा। लेकिन आप चाहे, तो इस उपाय को भी अपना सकते हैं। मान्यता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति का सोया हुआ भाग्य जाग जाता है और हर क्षेत्र में अपनी प्रसिद्धि का झंडा लहराता है। जानिए वैशाख मास में तुलसी का कौन सा उपाय करना होगा शुभ।
हिंदू मास में से वैशाख मास को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मास में श्री विष्णु भगवान का पूजा और गंगा स्नान के साथ दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। स्कन्द पुराण के वैष्णव खण्ड में ब्रह्मा जी ने स्वयं वैशाख माह की महत्ता के बारे में बताया है। उन्होंने कहा है कि
न माधवसमो मासो न कृतेन युगं समम्।
न च वेदसमं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम्।
माधव मास यानी वैशाख मास के समान कोई मास नहीं है। सतयुग के समान कोई युग नहीं है। वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगा जी के समान कोई तीर्थ नहीं है।
ऐसे में वैशाख मास में भगवान विष्णु संबंधित कुछ उपाय करने से शुभ फल प्राप्त होगा।
वैशाख मास में तुलसी की पत्तियों से करें ये उपाय
स्कंद पुराण के अध्याय 14 के श्लोक 41 में वैशाख मास में तुलसी द्वारा किए गए उपाय के बारे में बताया गया है। इस उपाय के अनुसार तुलसी की 5 पत्तियां लेकर पीपल के पेड़ की 5 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से व्यक्ति को बैकुंठ की प्राप्ति होती है और मोक्ष मिल जाती है। इसके साथ ही व्यक्ति को हर तरह के कष्टों से धीरे-धीरे निजात मिल जाती है और धन-धान्य की बढ़ोतरी होती है।
स्कंद पुराण के अनुसार आप पीपल के पेड़ की परिक्रमा 5 से ज्यादा भी कर सकते हैं। ऐसे में आप हाथों में 5, 7, 11, 21, 51, 108 पत्तियां लेकर उतनी ही पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें।
वैशाख मास में पीपल पूजा का विशेष महत्व
वैशाख मास में पीपल के पेड़ की पूजा करने का भी विशेष महत्व है। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पीपल के पेड़ में जल अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके लिए एक लोटे में थोड़ा सा गंगाजल, जल, कच्चा दूध और थोड़ी सी तिल मिलाकर अर्पित करें। ऐसा करने से विष्णु जी की विशेष कृपा पाने के साथ पितृ भी तृप्त हो जाते हैं।