Tulsi Plant (तुलसी के नियम): हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र पौधों में से एक माना जाता है। इसे पूज्नीय माना जाता है। नियमित रूप से तुलस की पूजा करने से मां लक्ष्मी के सात विष्णु जी अति प्रसन्न होते हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है। ये एक ऐसा पौधा है, जो अधिकतर घरों में आसानी से मिल जाता है। इसे पवित्र पौधा माना जाता है, क्योंकि इस पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है। इसके साथ ही विष्णु जी को अति प्रिय है। वहीं दूसरी ओर वास्तु के मुताबिक, इस पौधे के घर पर होने से वास्तु दोष से निजात मिल जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार, रोजाना सुबह और शाम के समय तुलसी की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही घर में सुख-शांति, समृद्धि, धन-वैभव की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु को भोग लगाते समय तुलसी दल चढ़ाना जरूर होता है। इसके बिना वो भोग स्वीकार नहीं करते हैं। लेकिन कई बार तुलसी की पत्तियों को अनजाने में ऐसे ही तोड़ लेते हैं। तो बिल्कुल गलत है। आइए जानते हैं तुलसी के पत्तियां तोड़ते समय किन बातों का रखें ख्याल और पत्तियां तोड़ते समय किन मंत्रों को बोलना शुभ होगा…
तुलसी की पत्तियां तोड़ते समय ध्यान रखें ये नियम (Tulsi Todne Ke Niyam)
तुलसी एक पवित्र पौधा है। इसलिए इसे अशुद्ध होकर कभी नहीं छूना चाहिए। हमेशा स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने के बाद इसे छूना चाहिए।
- तुलसी तोड़ते समय दिशा का अवश्य ध्यान रखें। तुलसी तोड़ते समय हमेशा उत्तर या फिर उत्तर-पूर्व दिशा में खड़े होकर तोड़े।
- तुलसी के पत्तियां तोड़ने का सबसे शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त यानी सुबह 4 बजे से साढ़े 5 बजे के बीच माना जाता है।
- कभी भी तुलसी की पत्तियों को नाखून से नहीं तोड़ना चाहिए। हमेशा अपनी अंगुली के सिरे का इस्तेमाल करें।
- अगर आपके घर में तुलसी का पौधा है, तो सुबह जल चढ़ाएं और शाम को घी का दीपक अवश्य जलाएं।

तुलसी की पत्तियां तोड़ते समय बोलें ये मंत्र (Tulsi Todne Ka Mantra)
तुलसी के पौधे को पवित्र पौधा माना जाता है जिसमें मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए तुलसी के पौधे से पत्ते तोड़ते समय इन मंत्रों का जाप करना शुभ हो सकता है।
ऊं-ऊं
आप चाहे, तो तुलसी तोड़ते समय 21 बार ऊँ बोल सकते हैं। ये एक ब्रह्मांड की ध्वनि है। इससे आप पवित्र पौधे को सम्मान दे रहे हैं। इससे आपके मन और शरीर को शांति मिलेगी।
- ॐ सुभद्राय नमः
- ॐ सुप्रभाय
- मातास्तुलसि गोविंद हृदयानंद कारिणी
- नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वं नमोस्तुते।’
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