Paush Purnima 2021: पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में खास महत्व होता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक आज यानी 28 जनवरी को पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है जिसे पौष पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन को पूषी पूर्णिमा या फिर शाकंभरी जयंती के नाम से भी जाना जाता है। गुरुवार के दिन पड़ने से ये पूर्णिमा और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। किसी भी पूर्णिमा तिथि को चंद्रदेव की पूजा करने का विधान है। साथ ही, पौष माह भगवान सूर्य को समर्पित होती है, ऐसे में इस महीने की पूर्णिमा को चंद्रदेव के साथ सूर्यदेव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य देने से लोगों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से –
जानें कितने बन रहे हैं शुभ योग: ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार पौष पूर्णिमा पर बेहद खास संयोग बन रहे हैं। इस दिन गुरु पुष्य योग बन रहा है, माना जाता है कि विवाह को छोड़कर इस योग में सभी नए कार्यों की शुरुआत की जा सकती है। इसके अलावा, शुभ योग, सर्वार्थसिद्धि अमृत योग और प्रीति योग भी बन रहे हैं। आचार्यों के अनुसार इस दिन चंद्रमा अपनी राशि कर्क में है औक इसके सामने होंगे सूर्य, ऐसे में समसप्तक योग बन रहे हैं। साथ ही इस दिन गजकेसरी योग भी सकारात्मक प्रभाव लेकर आएगा। साथ ही, पौष पूर्णिमा पर रवि योग भी बन रहा है।
किस समय करें पूजा: ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पूर्णिमा तिथि की शुरुआत कल रात 12 बजकर 32 मिनट से हो चुकी है। इसकी समाप्ति आज रात 12 बजकर 32 मिनट पर होगी। इसलिए आज सुबह ब्रह्ममुहूर्त से ही भक्तों ने स्नान दान शुरू कर दिया है।
क्या है इस दिन का महत्व: पौष पूर्णिमा के दिन सूर्यदेव की विधिपूर्वक पूजा करने से मृत्योपरांत भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पूजा के साथ ही इस दिन स्नान-दान को भी विशेष फलदायी माना गया है। इस दिन से ही कल्पवास की शुरुआत हो जाती है, जो कि अगले पूर्णिमा यानी माघ महीने तक चलेगी। ये पूर्णिमा माघ महीने की शुरुआत को दर्शाता है। इस दिन के साथ प्रयागराज में संगम तट पर माघ मेला का आयोजन शुरू हो जाता है।
किन चीज़ों का करें दान: इस दिन दान का विशेष महत्व होता है। विद्वानों का मानना है कि इस दिन जरूरतमंदों का गुड़, तिल, कंबल और ऊनी कपड़ों का दान करना चाहिए।