Garuda Purana: हिंदू धर्म में गरुण पुराण का विशेष महत्व है। मृत्यु के बाद इसके श्रवण का प्रावधान है। गरुण पुराण का वाचन किसी ब्राह्राण के द्वारा किया जाता है। इस पुराण के देवता भगवान विष्णु हैं। गुरुण पुराण में 271 अध्याय और 18 हजार श्लोक मिलते हैं। साथ ही गरुण पुराण में मरने के बाद मनुष्य की क्या गति होगी और उसका किस प्रकार की योनियों में जन्म होगा इन सब बातों की जानकारी दी गई है। यहां हम आपतो बताने जा रहे हैं कि मरे हुए व्यक्ति की कभी भी 3 चीजों को कभी भी इस्तमाल नहीं करना चाहिए। अन्यथा पितृदोष लग सकता है। आइए जानते हैं ये 3 चीजें कौन सी हैं…
मरे हुए व्यक्ति के कपड़ों का नहीं करें प्रयोग
गरुड़ पुराण के अनुसार मरे हुए व्यक्ति के कभी भी कपड़ों का इस्तमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से मृत व्यक्ति आत्मा उस व्यक्ति से जुड़ जाती हैं। जो इनका इस्तमाल करता है। साथ ही मृत व्यक्ति की यादें उस व्यक्ति को सताने लगती है। जिस कारण वह मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर हो जाता है। इसलिए मृत व्यक्ति के कपड़े भूलकर भी नहीं पहनने चाहिए। आप मृत व्यक्ति के कपड़े दान कर सकते हैं। जिससे उसकी आत्मा को शांति मिलती है।
गहनों का भी नहीं करें प्रयोग
गरुड़ पुराण के मुताबिक मृत व्यक्ति के कभी भी गहनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि गहने भी मृत व्यक्ति के गहने भी उसके ऊर्जा के स्त्रोत होते हैं। साथ ही मृत व्यक्ति का कपड़ों से ज्यादा अपने गहनों से लगाव होता है। वहीं जब मृत व्यक्ति के गहने जब कोई दूसरा पहन लेता है, तो उसकी आत्मा असहज महसूस करने लगता है। साथ ही इस मृत्यु लोग में परेशान करने लग जाती है। साथ ही आत्मा मोक्ष की राह में ना जाकर मृत्यु लोक में अपने परिजनों को ही परेशान करने लगती हैं। इसलिए मृत व्यक्ति के गहनों को गलाकर उसका कुछ ओर आयटम बनवाने चाहिए। अन्यथा मंदिर में दान करने चाहिए।
घड़ी का भी नहीं करें प्रयोग
मृत व्यक्ति की कभी घड़ी प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि घड़ी भी ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत होती है। वहीं घड़ी भी व्यक्ति के साथ हमेशा साथ रहती है। साथ ही मृत व्यक्ति की घड़ी भी नहीं प्रयोग नहीं करनी चाहिए। घड़ी को आप दान कर सकते हैं। वरना पितृ दोष लग सकता है।