रत्न शास्त्र में 84 उपरत्न और 9 रत्नों का वर्णन मिलता है। इन 9 रत्नों का संबंध किसी न किसी ग्रह से जरूर होता है। मतलब यह रत्न उस ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां हम बात करने जा रहे हैं माणिक्य रत्न के बारे में, जिसका संबंध सूर्य ग्रह से है। आपको बता दें कि अगर नौकरी में अच्छा मुकाम हासिल करना चाहते हैं तो ऐसे में सूर्य ग्रह को मजबूत करने की जरूरत होती है। इसके लिए ज्योतिष शास्त्र में माणिक्य रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। अंग्रेजी में इस रत्न को रूबी कहते हैं। जानिए इस स्टोन को पहनने के क्या हैं फायदे और किन्हें करता है ये सूट?
माणिक्य रत्न धारण करने के लाभ:
अगर जॉब में प्रमोशन व सरकारी विभाग में लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आप अपनी जन्मकुंडली का विश्लेषण कराकर माणिक्य रत्न धारण कर सकते हैं। इसे पहनने से सूर्य देव मजबूत होता है। जिससे व्यक्ति के साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और वह हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकता है। माणिक्य अगर किसी को सूट कर जाए तो उस व्यक्ति को सूर्य के समान तेज प्राप्त होता है। अगर आप प्रशासनिक क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो भी आप इस रत्न को धारण कर सकते हैं।
माणिक्य रत्न का रंग हल्के गुलाबी से लेकर गहरे लाल रंग तक का होता है। सूर्य से संबंधिक इस रत्न को पहनने से व्यक्ति के अंदर नेतृत्व के गुण आ जाते हैं जिसके चलते व्यक्ति को प्रशासनिक सेवाओं के पदों से प्रशंसा प्राप्त होती है। साथ ही जो छात्र प्रतियोगी यानि कि सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं वो माणिक्य रत्न को धारण कर सकते हैं।
इन राशि वालों को करता है सूट:
रत्न शास्त्र अनुसार यदि आपकी कुंडली में सूर्य द्वितीय या चतुर्थ भाव में विराजमान हैं तो व्यक्ति को पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जातकों को माणिक्य रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। ये संबंधों को मजबूत बनाता है और मधुरता प्रदान करता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिनकी राशि अथवा लग्न सिंह, कर्क, मेष, वृश्चिक एवं धनु है उन्हें माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए। इन राशि और लग्न वालों के लिए माणिक्य रत्न लाभकारी सिद्ध हो सकता है। वहीं जो लोग जुलाई के महीने या फिर रविवार के दिन पैदा हुए हैं उन्हें भी यह रत्न सूट कर सकता है। महीने की 1, 10, 19 और 28 तारीख को जन्मे लोग भी माणिक्य रत्न पहन सकते हैं। सूर्य की महादशा और अंतर्दशा में भी माणिक्य पहन कर देख सकते हैं। लेकिन इसके लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। क्योंकि ऐसा माना जाता है माणिक्य रत्न अगर सूट न करें तो ये हानिकारक साबित भी हो सकता है। वहीं अगर कुंडली में सूर्य ग्रह नीच यानि कि अशुभ स्थिति में विराजमान हो इस रत्न को धारण नहीं करना चाहिए।
इस विधि से करें माणिक्य धारण:
माणिक्य रत्न को सोने या तांबे की अंगूठी में बनवाकर धारण किया जा सकता है। लेकिन इस अंगूठी को धारण करने से पहले उसे कच्चे दूध या गंगा जल से शुद्ध कर लें। इसके बाद भगवान शिव या फिर भगवान विष्णु की अराधना करें और सूर्य के बीज मंत्र- ऊं ह्रां ह्रीं ह्रोम सः सूर्याय नमः का 108 बार जाप करें। इन अनुष्ठानों के बाद ही अंगूठी रविवार के दिन धारण करें और धारण करने के बाद सूर्य ग्रह से संबंधित वस्तओं का दान करें।