Vastu Tips for Wealth and Happiness: सनातन धर्म में वास्तुकला का महत्वपूर्ण स्थान है। ऐसा माना जाता है कि अगर वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का निर्माण किया जाता है, तो व्यक्ति के जीवन में आने वाली मुश्किलें काफी हद तक कम हो जाती हैं और उसके आसपास सकारात्मक माहौल बना रहता है। घर के निर्माण के अलावा अगर वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कुछ बदलाव किए जाते हैं, तो न केवल घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है, साथ ही व्यक्ति को जीवन में कई लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं कि सभी को क्या बदलाव करने चाहिए?

पूजा घर का निर्माण

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में भगवान का महत्वपूर्ण स्थान होता है, उनकी पूजा-अर्चना के लिए मंदिर को हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में ही बनवाना चाहिए। इसके अलावा इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि सीढ़ी और बाथरूम के नीचे पूजा घर का निर्माण नहीं होना चाहिए।

स्वच्छता का रखें विशेष ध्यान

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में साफ-सफाई का होना बेहद जरूरी है। घर की धूल और मकड़ी के जाले को नियमित रूप से साफ करना चाहिए। इसके साथ ही स्नानघर भी साफ-सुथरा होना चाहिए, नहीं तो इससे घर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है और इससे घर के सदस्यों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख्य द्वार या प्रवेश द्वार हमेशा साफ और सुंदर होना चाहिए। सावधान रहें कि दरवाजा खोलते और बंद करते समय कोई शोर न हो।

नियमित रूप से कपूर जलाएं

वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि घर में नियमित रूप से सुबह-शाम कपूर जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर का वातावरण शुद्ध होता है। इसके साथ वास्तु शास्त्र के मुताबिक यदि घर में रोज लड़ाई और झगड़े होते हैं तो नियमित रूप से पान के पत्ते पर कपूर को रखकर जलाना चाहिए।

सोने की दिशा का रखें विशेष ध्यान

वास्तु शास्त्र के अनुसार सोते समय पैर कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं होने चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोना अशुभ माना जाता है। वैज्ञानिक आधार पर भी दक्षिण और उत्तर दिशा में पैर करके सोने के लिए माना किया जाता है, इसका संबंध नॉर्थ और साउथ पोल से दिया जाता है, चूंकि चुबकीय शक्ति के