हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए हस्तरेखा विज्ञान का विशेष महत्व है। हस्तरेखा विज्ञान में हथेली पर बनने वाली रेखाओं के बारे में व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में आकलन किया गया है। क्या आप जानते हैं कि हाथ की रेखाओं को देखकर यह जाना जा सकता है कि आप हाल के दिनों में विदेश यात्रा करने वाले हैं या नहीं। जी हां, हस्तरेखा विज्ञान में इस बारे में विस्तार से बताया गया है कि हथेली की कौन सी रेखा विदेशा यात्रा के योग को बताती हैं। आज हम आपको इसी बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

हस्तरेखा विज्ञान के मुताबिक हथेली पर विराजमान चंद्रमा और केतु पर्वत का विदेश यात्रा से गहरा कनेक्शन हैं। इसके मुबातिक चंद्रमा पर्वत की ओर आने वाली सपाट रेखाएं विदेश यात्रा को दर्शाती हैं। ये सपाट रेखाएं छोटी-छोटी तीन या चार हो सकती हैं। कहते हैं कि ये लोग अपने अपने जीवन में एक बार विदेश यात्रा पर जरूर जाते हैं। आपकी यह विदेश यात्रा काम के सिलसिले में या फिर कंपनी की ओर हो सकती है। इससे आपको काफी नए अनुभव हासिल होंगे। वहीं, चंद्रमा पर्वत से निकलकर सूर्य पर्वत की ओर जाने वाली रेखा भी विदेश यात्रा का संकेत देती है।

कहते हैं कि हाथ की जीवन रेखा से निकलने वाली छोटी-छोटी रेखाएं भी विदेश यात्रा के योग को दर्शाती हैं। ये छोटी-छोटी रेखाएं जीवन रेखा से निकलकर हथेली पर उल्टा वाई(Y) बनाती हैं। उल्टा वाई बनाने वाली ये रेखाएं सामान्य तौर पर केतु पर्वत पर पाई जाती हैं। कई बार छोटी-छोटी रेखाएं हथेली के चंद्रमा पर्वत पर एक्स (X) का आकार भी बनाती हैं। यह भी विदेश यात्रा का योग माना जाता है। कहते हैं कि विदेश यात्रा योग की ये रेखाएं आर्थिक उन्नति को भी दर्शाती हैं। विदेश यात्रा होने पर आर्थिक स्थिति मजबूत होने की मान्यता है।