सावन का पवित्र महीना प्रारंभ हो चुका है। शिव भक्त बड़ी ही श्रद्धा के साथ उनकी पूजा-अर्चना कर रहे हैं। मालूम हो कि सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र के जाप के ढेरों फायदे बताए गए हैं। कहते हैं कि सावन में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भगवान शिव बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र ऐसा है जिसके जाप से मौत पर भी विजय पाई जा सकती है। इसके साथ ही इसे जीवन के सभी कष्टों के समापान का रास्ता भी बताया गया है। महामृत्युंजय मंत्र इस प्रकार से है।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥

ऐसा कहा जाता है कि भय से मुक्ति पाने के लिए सावन मास में महामृत्युंजय मंत्र का 1100 बार जाप करना चाहिए। माना जाता है कि इसके जाप से भोले बाबा अपने भक्त के हृदय के सारे भय समाप्त कर देते हैं। महामृत्युंजय मंत्र के जाप से रोगों से भी छुटाकारा मिलने की मान्यता है। कहते हैं कि इसके लिए आपको महामृत्युंजय मंत्र का 11000 बार जाप करना चाहिए। मान्यता है कि बड़े से बड़े रोगों से छुटकारा ना मिलने पर महामृत्युंजय मंत्र का सहारा लेने से सब ठीक हो जाता है।

चूंकि हिंदू धर्म में सावन का महीना शिव जी को समर्पित किया गया है। इसलिए सावन में महामृत्युंजय मंत्र के जाप का महत्व और भी बढ़ जाता है। कहते हैं कि पुत्र प्राप्ति के लिए और अकाल मृत्य से बचने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख बार जाप करना चाहिए। माना जाता है कि सावन में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से जीवन में उन्नति होती है। इन सबके बीच महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय शिव के प्रति श्रद्धाभाव का होना बहुत जरूरी है। कहते हैं कि लालच में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से किसी फल की प्राप्ति नहीं होती।