ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति में बदलाव का पूरा असर हर राशि के जातकों के जीवन पर पड़ता है। कुंडली में मौजूद योगों के आधार पर व्यक्ति के भाग्य के बारे में काफी हद तक पता लगाया जा सकता है। ऐसे ही अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पारिजात योग, पर्वत योग, काहल योग, लक्ष्मी योग, मंगल आदि योग बन रहे हैं, जो उसका भविष्य काफी अच्छा जाता है। जानिए आपकी कुंडली में इनमें से कौन सा योग बन रहा है।
पारिजात योग
अगर किसी जातक की कुंडली में लग्नेश जिस राशि में स्थित हो, तो उस राशि का स्वामी कुंडली में अगर उच्च स्थान में हो या फिर अपने ही घर में हो तो ऐसी स्थिति में पारिजात योग बनाता है। यह योग बनने पर व्यक्ति को राजसत्ता मिलती है। समाज में मान-सम्मान के साथ काफी फेमस होते हैं। इसके साथ ही आय काफी अच्छी होती है। यह योग व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता दिलाता है।
पर्वत योग
जब किसी जातक की कुंडली में प्रथम भाव यानी लग्नेश अपनी उच्च राशि या खुद की राशि में स्थिति हो और इसके साथ ही केंद्र और त्रिकोण में स्थित हो, तब पर्वत योग का निर्माण होता है। इसके अलावा छठे और आठवें भाव में कोई भी ग्रह स्थिति न हो और अशुभ प्रभाव से मुक्त हो, तो ऐसी दशा पर्वत योग बनाता है। अगर कुंडली में ये योग बना हुआ है, तो व्यक्ति काफी भाग्यशाली माना जाता है। इन लोगों का रुझान राजनीति की तरफ अधिक होता है। यह लोग काफी सुख-संपदा से परिपूर्ण होते हैं।
काहल योग
जब किसी जातक की कुंडली में चतुर्थेश व नवमेश एक दूसरे से केंद्र में हो और लग्नेश काफी बली हो, तो काहल योग बनता है। यह योग व्यक्ति में साहस देता है और वह हर काम को जूनून के साथ पूरा करने पर विश्वास रखते हैं। यह लोग काफी धनी होते हैं और पूरा जीवन सुख-समृद्धि के साथ बिताते हैं।
लक्ष्मी योग
कुंडली में लक्ष्मी योग विभिन्न योगों पर बनता है। कुंडली में लग्नेश अति बलवान हो और नवमेश केंद्र स्थान में अपनी मूल त्रिकोण, उच्च या खुद की राशि में स्थित हो तो ऐसी दशा में लक्ष्मी योग बनता है। इसके अलावा प्रथम भाव का स्वामी धन भाव के स्वामी के साथ किसी भी तरह का संबंध स्थापित हो रहा है, तो लक्ष्मी योग बनता है। इस योग के कारण जातक को भोग-विलास मिलता है। अपने माता-पिता की संपत्ति के मालिक होते हैं। धर्मात्मा, प्रचुर धनवान होने के साथ-साथ संतान की ओर से भी धन प्राप्त करते हैं।