Astrology: आज के समय हर व्यक्ति की चाहत होती है कि सुख-समृद्धि, धन-वैभव के साथ सौभाग्य की प्राप्ति हो। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली बनी रहे। इसके लिए वह कड़ी मेहनत करता है लेकिन कई बार अधिक मेहनत करने के बावजूद जीवन में खुशियां नहीं रहती है। शास्त्रों के अनुसार दैनिक दिनचर्या में किए गए कुछ कामों के कारण भी जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी प्रसन्न नहीं रहती हैं। मनुस्मृति में ऐसे ही चार कामों के बारे में बताया गया है जिन्हें शाम के समय बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इन्हें करने से दरिद्रता साथ नहीं छोड़ती है। आइए जानते हैं शाम के समय किन कामों को करने की है मनाही…
मनुस्मृति शास्त्र मानव, धर्म और शास्त्रों का मिश्रण है। इसे दुनिया में आने वाले पहले इंसान मनु ने लिखा था। जिसे सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा के मनन संकल्प से उत्पन्न हुए थे। बाद में मनुस्मृति ग्रंथ को ऋषियों को सौंप दिया। कहा जाता है कि मनुस्मृति में भगवान ब्रह्मा की वाणी है।
श्लोक
चत्वारखिलु कार्याणि संध्याकाले विवर्जयेत्।
आहारं मैथुनं निद्रां स्वाध्यायन्च चतुर्थकम्।।
मनु स्मृति के इस श्लोक के अनुसार, सूर्यास्त के समय भोजन नहीं करना चाहिए , सोना नहीं चाहिए, प्रेम प्रसंग से बचना चाहिए, वेद-शास्त्रों का अध्ययन और पैसों का आदान-प्रदान करने से बचना चाहिए।
शाम के न करें भोजन
मनु स्मृति के अनुसार, सूर्यास्त के समय भोजन करने की मनाही होती है। इस समय खाना खाने से व्यक्ति पशु योनी में जन्म लेता है। इसलिए कभी भी सूर्यास्त के समय भोजन न करें।
सूर्यास्त के समय सोना
कहा जाता है कि कभी भी सूर्यास्त के समय सोना नहीं चाहिए। इस समय आपको पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस समय सोने से मां लक्ष्मी नाराज होती हैं और घर में दरिद्रता का वास हो जाता है।
काम भाव होना
मनु स्मृति के अनुसार, सूर्यास्त के समय काम भावना को नियंत्रित रखना चाहिए। इस समय स्त्री और पुरुष को प्रसंग से बचना चाहिए। कहा जाता है कि इस समय गर्भधारण से उत्पन्न संतान को अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
संध्याकाल में अध्ययन
शाम के समय वेद-शास्त्रों का भी अध्ययन नहीं करना चाहिए। इस समय को साधना और ध्यान के लिए अच्छा माना जाता है।
पैसों का लेन-देन
संध्याकाल में किसी को भी पैसे नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी उस व्यक्ति के घर चली जाती है।
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।