vastu shastra: वास्तु का हमारे जीवन में विशेष महत्व है क्योंकि अगर हमारे घर या कार्यस्थल का वास्तु ठीक नहीं है तो हमारे जीवन में नकारात्मकता छा सकती है। साथ ही जीवन में दरिद्रता का वास बना रहता है। वहीं अगर वास्तु के अनुरूप हमारा कार्यस्थल या घर है तो जीवन में खुशहाली छा जाती है। साथ ही धन की आवक बनी रहती है। वहीं यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि बाथरूम के वास्तु के बारे में। मतलब वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम का वास्तु कैसा होना चाहिए। साथ ही बिना तोड़े- फोड़े बाथरूम का वास्तु कैसे ठीक कर सकते हैं। आइए जानते हैं…
करें ये उपाय
शौचालय की दीवार पर लगाएं पिरामिड
वास्तु के मुताबिक शौचालय की दक्षिण दीवार पर पिरामिड लगाना शुभ माना जाता है। यह वास्तु दोष को दूर करने में बहुत ही कारगर माना जाता है। साथ ही इससे नकारात्मकता ऊर्जा समाप्त होती है। वहीं घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है।
कटोरी में रखें नमक
अगर आपके शौचालय में वास्तु दोष है और आप बिना तोडे़- फोटे उसे ठीक करना चाहते हैं तो आप लोगों को शौचालय में शीशे की कटोरी में नमक भरकर रखना चाहिए और सप्ताह में इसे बदलते रहना चाहिए। ऐसा करने से वास्तु दोष के अशुभ प्रभाव में कमी आती है। साथ ही वास्तु देवता प्रसन्न रहते हैं।
रखें इस रंग की बाल्टी
अगर आपके बाथरूम में वास्तु दोष है तो आप लोगों को अपने बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी रखनी चाहिए। क्योंकि नीला रंग खुशहाली और शुभता का प्रतीक होता है। साथ ही नीले रंग की बाल्टी रखने से नकारात्मकता खत्म होती है।
इस रंग के लगवाएं टाइल्स
वास्तु शास्त्र अनुसार बाथरूम में गहरे रंग का टाइल्स नहीं होना चाहिए। बाथरूम में हमेशा हल्के रंग के टाइल्स की लगवाएं। इसके साथ ही बाथरूम के दीवारों का रंग भी हल्का ही होना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख- समद्धि का वास बना रहता है। साथ ही घर में संपन्नता बनी रहती है।
इन बातोंं का रखें ख्याल
वास्तु के मताबिक दक्षिण पूर्व कोने में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगानी चाहिए। वहीं उत्तर दिशा में नल और शॉवर लगाना चाहिए। बाथटब को पूर्व पश्चिम या उत्तर पूर्व दिशा में रखना चाहिए। इसके अलावा वॉशबेसिन को उत्तर पूर्वी, उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए।