Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य का नाम एक महान अर्थशास्त्री और रणनीतिकार के रूप में लिया जा है। उन्होंने एक नीति शास्त्र की रचना की, जिसमें उन्होंने धन, संपत्ति, स्त्री, दोस्त, करियर और दांपत्य जीवन से जुड़ी कई बातों का गहराई से जिक्र किया है। साथ हीचाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने जीवन में आने वाली जटिलताओं को किस तरह सुलझाना चाहिए, इस बारे में सरलता से बताया है। वहीं चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में ऐसी 4 आदतों का जिक्र किया है जो किसी भी व्यक्ति की बर्बादी का कारण बन सकती हैं। आइए जानते हैं ये आदतें कौन सी हैं…
लापरवाही नहीं करें
आचार्य चाणक्य अनुसार व्यक्ति को कभी भी किसी भी कार्य में लापरवाही नहीं करनी चाहिए। क्योंकि लापरवाही से हमेशा नुकसान उठाना पड़ता है। क्योंकि लापरवाही करने से उस कार्य में देरी हो जाती है, जिससे कार्य का महत्व खत्म हो जाता है।
आलस नहीं करें
चाणक्य कहते हैं व्यक्ति को हमेशा अनुशासन के साथ जीना चाहिए और हर काम का समय निश्चित होना चाहिए। क्योंकि अगर कोई व्यक्ति आलस करता है तो वह अपना कार्य समय पर पूरा नहीं कर पाता है।
नशा नहीं करें
व्यक्ति को कभी भी नशा नहीं करना चाहिए। क्योंकि नशा, नाश की जड़ होता है और नशा करने से मानसिक और शारीरिक हानि होती है। नशा करने वाला व्यक्ति गलत संगत में पड़ जाता है जिससे वह अपने भविष्य को खराब कर लेता है। वहीं नशा एक दिन व्यक्ति को मृत्यु तक ले जाता है।
गलत संगत में पड़ जाना
आचार्य चाणक्य अनुसार व्यक्ति को हमेशा गलत संगत से भी दूर रहना चाहिए। क्योंकि व्यक्ति जैसी संगत में रहता है वैसा ही बन जाता है। साथ ही गलत संगत में पड़ने से व्यक्ति अपना धन और समय दोनों बर्वाद कर लेता है। साथ ही समाज और धर- परिवार में उसकी कोई इज्जत नहीं रहती है।