ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। कहते हैं कि कुंडली में मंगल की दशा ठीक होने पर पारिवारिक सामंजस्य बना रहता है। इससे परिवार में खुशियां बनी रहती हैं और पति-पत्नी के बीच कलह नहीं होती। लेकिन कुंडली में मंगल की दशा कमजोर होने पर विवाह में परेशानियां आने लगती हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि मंगलदोष होने पर विवाह के बाद भी पति-पत्नी के बीच काफी दिक्कतें आती हैं। यह भी माना जाता है कि मंगलदोष होने पर पत्नी की मृत्यु हो जाती है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का कहना है कि यह एक गलत मान्यता है। ऐसा बहुत ही रेयर केस में होता है। दरअसल ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर किसी की आयु उसकी कुंडली पर निर्भर करती है।

कहते हैं कि कुंडली में मंगलदोष होने पर पति-पत्नी के बीच वैचारिक सामंजस्य नहीं बैठ पाता। शादी के बाद दंपत्ति के बीच छोटी-छोटी बात पर क्लेश होने लगती है। इससे उनका आपसी रिश्ता काफी बिगड़ जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार मंगलदोष होने पर गृहस्थी टूटने की संभावना काफी बढ़ जाती है। हालांकि ज्योतिष शास्त्र में इसे ठीक करने के कुछ आसान से उपाय भी बताए गए हैं। चलिए जानते हैं इनके बारे में।

कहते हैं कि जिस किसी दंपत्ति की कुंडली में मंगलदोष हो उसे अपने सिरहाने किसी चांदी का कांच के बर्तन में जल रखकर सोना चाहिए। माना जाता है कि इससे दंपत्ति का क्रोध शांत रहता है। ऐसा कहा जाता है कि मंगलदोष होने पर पति-पत्नी को अपने घर में श्रीयंत्र स्थापित करना चाहिए। इसके बाद 1008 मंत्रों से और दूध से श्रीयंत्र का अभिषेक करना चाहिए। इससे परिवार में शांति आने और आर्थिक संकट दूर होने की मान्यता है। कहते हैं मंगलदोष से पीड़ित दंपत्ति की संतान की हड्डियां थोड़ी कमजोर होती हैं। इसलिए ऐसे माता-पिता को इसके प्रति काफी सावधान रहना चाहिए।