Seven Mukhi Rudraksh Benefits: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का विशेष महत्व है। वहीं आपको बता दें कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भोलेनाथ के आंसुओं से मानी जाती है। हर रुद्राक्ष में भोलेनाथ का वास होता है। रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। शास्त्रों में 16 मुखी रुद्राक्ष का जिक्र मिलता है। जिसमें से कुछ रुद्राक्ष लुप्त हो चुके हैं। हम यहाें बात करने जा रहे हैं 7 मुखी रुद्राक्ष के बारे में। मान्यता है कि 7 मुखी रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति की धन-संबंधी सभी समस्या दूर हो जाती है। साथ ही करियर और व्यापार में तरक्की मिल सकती है। आइए जानते हैं दस मुखी रुद्राक्ष के बारे में…

कैसा होता है 7 मुखी रुद्राक्ष

आपको बता दें कि रुद्राक्ष का पेड़ होता है और पेड़ पर ही रुद्राक्ष का बीज आता है। सबसे अच्छा रुद्राक्ष इंडोनेशिया और नेपाल कंट्री का माना जाता है। हालांकि भारत में भी कई पहाड़ी इलाकों में एक विशेष ऊंचाई पर यह पेड़ पाया जाता है। वैसे से तो इस सप्तमुखी रुद्राक्ष पर शनि ग्रह का प्रभाव माना जाता है, लेकिन आपको बता दूं कि यह रुद्राक्ष सात मातृकाएं, सूर्य, सप्तर्षि, कार्तिकेय, अनंग, यानि कामदेव, अनंत और नागराज को समर्पित है।

सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ (Benefits Of Rudraksha)

 सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से करियर और कारोबार में तरक्की मिलती है। साथ ही सात आय में वृद्धि के योग बनते हैं। वहीं मां लक्ष्मी की कृपा ऐसे व्यक्ति पर सदैव बनी रहती है। वहीं सात मुखी रुद्राक्ष का संबंध शनि ग्रह से माना गया है। इसलिए जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही हो, उन लोगों को 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। वहीं जिन लोगों की कुंंडली में शनि ग्रह निगेटिव विराजमान हों वो लोग भी सात मुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं। साथ ही जिन लोगों के स्नायु तंत्र, यानि नर्व फाइबर्स में और बोन्स में, यानि हड्डियों में परेशानी रहती है, जिन्हें गठिया और जोड़ों के दर्द की समस्या रहती है या जिन्हें हृदय और गले संबंधी कोई समस्या है, वो लोग भी 7 मुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं।

रुद्राक्ष धारण करने की सही विधि (Method of Wearing Rudraksh)

रुद्राक्ष को सावन का महीना, मास की शिवरात्रि या सोमवार के दिन पहनना शुभ माना जाता है। साथ ही रुद्राक्ष को पहनने से पहले एक चांदी या तांबे की कटोरी में दूध, दही, शहद, घी, एवं शक्कर लेकर के मिला लें। फिर इस मिश्रण में रुद्राक्ष को डुबो दें। इसके बाद ऊं नम: शिवाय का 108 बार जाप करें और फिर शिवलिंग से स्पर्श कराकर रुद्राक्ष को गले में धारण कर सकते हैं।

7 मुखी रुद्राक्ष के मंत्र

शिवपुराण के अनुसार ऊँ हुं नमः का जाप करें।।

पद्मपुराण के अनुसार ऊँ ह्रः का जाप करें।।
स्कंदपुराण के अनुसार ऊँ ह्रीं नमः जपें।।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

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