वास्तु शास्त्र में घर के मेन गेट का काफी महत्व है। वास्तु के अनुसार घर का मेन गेट दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए। ऐसा होना वास्तुदोष माना जाता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा के आने की बात कही गई है। यह नकारात्मक ऊर्जा परिवार की खुशियों पर विपरीत असर डालती है। इस बीच यदि आपके घर का मेन गेट दक्षिण दिशा में अनजाने में लग गया हो तो आप क्या करेंगे? आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम आपको इसके लिए कुछ कारगर वास्तु टिप्स दे रहे हैं। आपको घर के मेन गेट पर चार राड वाली विंड चाइम लगानी चाहिए। विंड चाइम लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि यह घर के अंदर प्रवेश करने वाले लोगों से टकरानी चाहिए। ताकि इससे आवाज निकल सके।

विंड चाइम से निकलने वाली आवाज को बहुत ही शुभ माना गया है। कहते हैं कि घर के मेन गेट पर लगी विंड चाइम से निकलने वाली आवाज सकारात्मक ऊर्जा पैदा करती है। इससे घर के अंदर प्रवेश करने वाले लोगों की नकारात्मक ऊर्जा नहीं आ पाती है। माना जाता है कि इससे घर के लोगों के मन में उत्साह पैदा होता है। परिवार के रिश्तों में मजबूती आती है। लोग आापस में मिलजुलकर प्रेम-पूर्वक रहते हैं।

वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि घर में वास्तुदोष का बच्चों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके मुताबिक, वास्तुदोष होने पर घर के बच्चे ठीक से पढ़ाई-लिखाई नहीं कर पाते। इससे बच्चों के परीक्षा परिणाम पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसी दशा में घर के स्टडी रूम में पांच राड वाली विंड चाइम लगानी चाहिए। कहा जाता है कि इससे स्टडी रूम में सकारात्मक माहौल पैदा होता है। इससे बच्चों का पढ़ने-लिखने में मन लगता है। बच्चे आपस में लड़ाई नहीं करते और मिलजुलकर रहते हैं।