Teej 2025 Date: शास्त्रों में तीज के त्योहार का खास महत्व है। यह त्योहार साल में तीन बार आता है। जिसमें सबसे पहले हरियाली तीज फिर कजरी तीज और सबसे अंत में हरितालिका तीज मनाई जाती है। इन तीनों व्रत में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा- अर्चना की पूजा करने का विधान है। मान्यता है इन व्रतों को रखने सो अखण्य सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। ये त्योहार महिलाओं की आस्था और पारंपरिक रीति-रिवाजों से जुड़े होते हैं। इन खास अवसरों पर सुहागिन महिलाएं श्रृंगार करती हैं, मेहंदी लगाती हैं और भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा कर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। साथ ही सुख-समृद्धि के प्राप्ति की कामना करती हैं। साथ ही संतान की मंगलकामना करती हैं। साथ ही कुंवारी कन्या अच्छे वर की कामना से व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं 2025 कब है हरियाली, हरतालिका और कजरी तीज…

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2025 में कब-कब पड़ेगा तीज का त्योहार?

हरियाली तीज: 27 जुलाई 2025, शनिवार
कजरी तीज: 12 अगस्त 2025, मंगलवार
हरतालिका तीज: 26 अगस्त 2025, मंगलवार

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हरियाली तीज 2025 (Hariyali Teej 2025)

ज्योतिष पंंचांग के मुताबिक हरियाली तीज हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। जो इस साल 27 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रख भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करती हैं। शिव पुराण के मुताबिक इस दिन ही भगवान ने मां गौरी को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इसी कारण हरियाली तीज का व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए अखंड सौभाग्य का वरदान देने वाला माना गया है।  इस दिन महिलाएं सज-संवरकर झूला झूलती हैं और सावन के प्यारे लोकगीत गाती हैं। इस दिन हाथों में मेहंदी लगाने की भी परंपरा है।

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कजरी तीज 2025 (Kajari Teej 2025)

कजरी तीज का त्योहार हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन मनाए जाने का विधान है। इस साल कजरी तीज 12 अगस्त को है। वहीं आपको बता दें कि इसे कजली तीज, सातूड़ी तीज और भादो तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं अखण्ड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन माता पार्वती और भोलेनाथ के साथ नीमड़ी माता की पूजा- अर्चना की जाती है। शास्त्रों के मुताबिक मध्य भारत में कजली नाम का एक वन था। एक बार वहां के राजा की अकाल मृत्यु हो गई और इसके वियोग में रानी ने खुद को सती कर लिया। इस घटना से वहां के लोग इतने दुखी हो गए, लेकिन राजा-रानी के प्रेम से इतना प्रभावित हुए कि वे लोग कजली गीत गाने लगे थे। ये गीत पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक होता था। कजरी तीज मनाने की परंपरा यहीं से शुरू हुई। इस दिन शाम को व्रत तोड़ने से पहले महिलाएं सात रोटियों पर चना और गुड़ रखकर पहले गाय को खिलाती हैं। इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है। साथ ही बेटियों को ससुराल में मायके से उपहार भेजे जाते हैं।

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हरतालिका तीज 2025 (Hartalika Teej 2025)

ज्योतिष पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस साल हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा । हरियाली तीज की तरह ही हरितालिका व्रत भी निर्जला रखा जाता है।मान्यता है मां पार्वती ने भगवान शिव को वर रूप में प्राप्त करने के लिए घोर वन में तपस्या की थी। साथ ही बालू के शिवलिंग बनाया था और पूजन किया था जिससे प्रसन्न होकर भोलनाथ ने उन्हें दर्शन दिये थे। आपको बता दें कि हरतालिका तीज पर महिलाएं मंडप सजाकर बालू से भगवान शिव और पार्वती जी की प्रतिमा बनाकर उनका गठबंधन करती हैं। हरतालिका तीज व्रत अविवाहित कन्याओं द्वारा अच्छे पति की प्राप्ति के लिए और विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य में वृद्धि के लिए करती हैं। यह व्रत उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश में इसे विशेष रूप से मनाया जाता है। 

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