Surya Mani Stone: मनुष्य को रत्नों का चुनाव बहुत ही सावधानी से करना चाहिए। रत्न केवल शोभा बढ़ाने का साधन नहीं है बल्कि उनमें अलौलिक शक्ति का समावेश होता है। साथ ही रत्नों में मानव को सुखमय, उल्लासपूर्ण बनाने की अप्रतिम क्षमता है। वहीं देखा गया है कि कुछ लोग नाम राशि के अनुसार रत्न धारण कर लेते हैं जो कि गलत है। आपको बता दें कि मनुष्य को जन्मकुंडली के पूर्ण विश्लेषण के बाद ही रत्न धारण करना चाहिए। वहीं कभी भी मारक, बाधक, नीच या अशुभ ग्रह का रत्न धारण नहीं करना चाहिए। रत्न हमेशा शुभ ग्रह यदि अस्त है या निर्बल है तो उसका धारण करना चाहिए। ताकि उस ग्रह के प्रभाव को बढ़ाकर शुभ फलों में बढ़ोतरी की जा सके।
ज्योतिष शास्त्र में 84 रत्न और उपरत्नों का उल्लेख मिलता है, आज हम बात करने जा रहे हैं माणिक्य के उपरत्न के बारे में, जिसका नाम है सूर्यमणि। इसका दूसरा नाम लालड़ी भी है। आइए जानते हैं सूर्यमणि धारण करने के लाभ और पहनने की सही विधि…
जानिए कैसी होती है सूर्यमणि:
लालडी़ इसे सूर्यमणि भी कहते हैं। यह माणिक्य का उपरत्न है। सूर्य के इस उपरत्न का रंग लाल होने के कारण यह लालडी़ कहलाता है। यह उपरत्न रक्त जैसा लाल तथा कृष्ण वर्ण जैसी आभा लिए होता है। देखने में कांतियुक्त तथा पारदर्शी होता है। इस रत्न की आभा बहुत सुंदर होने के कारण इसका उपयोग आभूषणों में भी किया जाता है। इस रत्न की आभा और रंगत के कारण इसका मूल्य कम या अधिक हो सकता है। ये रत्न सूर्य के मुख्य रत्न रुबी से सस्ता होने के कारण भी लोकप्रिय है।
सूर्यमणि धारण करने के लाभ:
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रह राजा अथवा सरकार से मिलने वाले लाभ देखे जाते हैं। सूर्य पिता है ऎसे में कुण्डली में भी सूर्य की स्थिति पिता के साथ संबंधों को दर्शाती है। इसलिए यदि जातक रोगी है और उसे स्वास्थ्य लाभ चाहिए तो उसके लिए सूर्य का उपरत्न धारण कर लेना बहुत असरदार रह सकता है। ये रत्न सरकारी राजकीय क्षेत्र में सफलता पाने के लिए बहुत उपयोगी होता है। साथ ही ये रत्न उच्चाधिकारियों के साथ आपके संबंधों को बेहतर बना कर रखने में भी सहायक बन सकता है। वहीं शरीर में रक्तचाप की अनियमितता को दूर करता है, हड्डियों और दिल से जुड़ी बिमारियों में, किसी भी प्रकार के चर्म रोग को दूर करने में भी इसका उपयोग फायदेमंद होता है। इसके अतिरिक्त मानसिक बेचैनी और भ्रम को दूर करने में भी यह लाभकारी होता है। (यह भी पढ़ें)- साप्ताहिक राशिफल, 21 फरवरी से 27 फरवरी 2022: कर्मफल दाता शनि देव होंगे उदय, कर्क और वृश्चिक राशि वालों को मिलेगा किस्मत का साथ, जानिए आपके लिए कैसा रहेगा ये हफ्ता
किन लोगों को सूर्यमणि धारण करनी चाहिए ?
-मेष, सिंह और धनु लग्न के जातक सूर्यमणि धारण कर सकते हैं।
-कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न में सूर्यमणि साधारण परिणाम देता है।
-अगर जातक को ह्रदय और नेत्र रोग है तो भी वह सूर्यमणि धारण कर सकता है।
-अगर धन भाव, दशम भाव, नवम भाव, पंचम भाव, एकादश भाव में सूर्य उच्च के स्थित हैं तो भी सूर्यमणि धारण कर सकते हैं।
सूर्यमणि धारण करने की विधि:
-सूर्यमणि गुलाबी या लाल रंग का अच्छा माना जाता है।
-सूर्यमणि का वजन कम से कम 6 से सवा 7 रत्ती का होना चाहिए।
-तांबा या सोने के धातु में सूर्यमणि को धारण करना सबसे शुभ माना जाता है।
-सूर्योदय होने के एक घंटे बाद सूर्यमणि रत्न को धारण करें।
-सूर्यमणि धारण करने से पहिले अंगूठी को गाय के दूध और गंगाजल से शुद्ध कर लें। उसके बाद मंदिर के सामने बैठकर एक माला सूर्य देव के मंत्र ऊं सूर्याय नम: का जाप करें और फिर अंगूठी को धारण करें। (यह भी पढ़ें)- शनि की राशि में गोचर करेंगे धन के दाता शुक्र, इन 4 राशि वालों को सरकारी नौकरी और प्रमोशन के प्रबल योग
