Surya Namaskar: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। इसके साथ ही वह एक पिता और आत्मा का स्वरूप है, जो किसी भी जातक के जीवन में ऊर्जा और बल प्रदान करते हैं। ज्योतिष के साथ-साथ इसका चिकित्सीय महत्व काफी अधिक है। सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा पाने के लिए कई लोग रोजाना सूर्य नमस्कार करते हैं। बता दें कि इससे न सिर्फ शारीरिक, मानसिक रूप से स्वास्थ्य होते हैं, बल्कि कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। आइए जानते हैं रोजाना किस समय सूर्य नमस्कार करने से ज्योतिषीय दृष्टि से है लाभकारी…

ज्योतिष में क्या है सूर्य नमस्कार का महत्व?

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को सबसे ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है। इसके साथ ही उसे आत्मा का कारक मानने के साथ-साथ मान-सम्मान, स्वास्थ्य, उच्च पद, तरक्की आदि का कारक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक रोजाना सूर्य को अर्घ्य देने के साथ सूर्य नमस्कार करने से उनका सम्मान करते हैं। ऐसे में वह प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

सूर्य नमस्कार करने से मिलते हैं ये लाभ

सौर नमस्कार करने से कई बीमारियों से भी निजात नहीं मिलती है, बल्कि कई ज्योतिषीय लाभ भी मिलते हैं।

आपका मणि चक्र होता है संतुलित

सूर्य नमस्कार करने से जातकों को सौर चक्र के अभ्यासों में से एक मणि चक्र मजबूत होता है, जो जातक की नाभि में स्थित होता है। ऐसे में सूर्य मजबूत होने के साथ आत्म विश्वास, आंतरिक शक्ति के साथ -साथ आत्म सम्मान की वृद्धि होती है।

ध्यान होता है केंद्रित

कहा जाता है कि रोजाना सूर्य नमस्कार करने से आत्मविश्वास, स्पष्टता में वृद्धि होने के साथ-साथ ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।

स्वास्थ्य रहता है बेहतरीन

रोजाना सूर्य नमस्कार करने से शरीर के विषाक्त तत्व बाहर निकल जाता है और ब्लड का सर्कुलेशन ठीक ढंग से होता है। सूर्य की स्थिति कमजोर होने से रोग प्रति प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इसलिए सूर्य नमस्कार लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

अनुशासन, उच्च पद दिलाता है सूर्य नमस्कार

सूर्य आजीविका में एक सरकारी पद का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में रोजाना सूर्य नमस्कार करने से व्यक्ति अनुशासित हो जाता है। इसके साथ ही सूर्य उच्च पद में आसीन होता है।

किस समय सूर्य नमस्कार करना होगा शुभ?

माना जाता है कि सूर्य नमस्कार करने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय होता है, क्योंकि इस समय सूर्य की ऊर्जा अपने चरम में होती है। ऐसे में सकारात्मक ऊर्जा अवशोषित करने का सबसे अच्छा समय है।

रविवार का दिन सूर्य देव का माना जाता है। यह दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य की ऊर्जा अमृत के समान होती है।

सूर्य नमस्कार करने से इन ग्रहों के दुष्प्रभाव भी होते हैं कम

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर हो या फिर सूर्य के कारण कई समस्याओं का समाधान कर रहे हैं, तो नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इसके अलावा शनि साढ़े साती, राहु-केतु के दुष्प्रभावों को भी काफी हद तक किया जा सकता है। इनके द्वारा होने वाली शारीरिक और मानसिक समस्याएं कम हो सकती है।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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