Surya Grahan 2020: धार्मिक मान्यताओं अनुसार ग्रहण की समाप्ति के बाद सबसे पहले स्नान कर लें। वैसे तो पवित्र नदियों में स्नान करने की मान्यता है लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए बेहतर होगा कि घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर नहा लें। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण की समाप्ति के बाद दान जरूर करना चाहिए। घर की साफ सफाई के बाद पूजा स्थल साफ करके भगवान की पूजा की जानी चाहिए।
ये साल 2020 का दूसरा सूर्य ग्रहण था। जो भारत में कई जगहों पर दिखाई दिया। खासकर देहरादून, सिरसा और राजस्थान के कुछ इलाकों में ये रिंग ऑफ फायर के रूप में नजर आया। अब अगला ग्रहण 14 दिसंबर को लगना है। लेकिन इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जाएगा। 21 जून को लगे सूर्य ग्रहण में देश के कई इलाकों में दिन में ही कुछ देर के लिए अंधेरा छा गया था।
What To Do After Solar Eclipse: सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद किये जाते हैं ये उपाय
कहां दिखाई दिया ग्रहण: ग्रहण भारत के साथ नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया और कांगों में दिखाई देगा। नई दिल्ली, चंडीगढ़, मुम्बई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलौर, लखनऊ, चेन्नई, शिमला आदि कुछ प्रसिद्ध शहर हैं जहाँ से आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। देहरादून, सिरसा तथा टिहरी में वलयाकार सूर्यग्रहण दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के देशों और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के अधिकांश हिस्सों से दिखाई नहीं देगा।
सूर्य ग्रहण के बाद ये उपाय करने की दी जाती है सलाह (What To Do After Solar Eclipse):
– ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद पूरे घर की सफाई अच्छे से कर लेनी चाहिए। क्योंकि ऐसा माना जाता है सूर्य ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा घर में आ जाती है। इसलिए सफाई के बाद पूरे घर में धूप या अगरबत्ती का धुआं अवश्य दिखाएं।
– ग्रहण के तुंरत बाद स्नान कर लेना चाहिए। घर के मंदिर को भी गंगाजल से शुद्ध कर लेना चाहिए। इसके लिए देवी-देवताओं और भगवान की सभी मूर्तियों और तस्वीरों पर गंगाजल छिड़कना चाहिए।
– मान्यता ये भी है कि ग्रहण के समय पहने गए वस्त्रों को दोबारा नहीं पहनना चाहिए। बेहतर होगा कि आप स्नान के बाद इनको दान कर दें। चंद्र ग्रहण के बाद पितरों को याद करें व उनके नाम पर दान दें। ऐसा करने से ग्रहण का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
– सूर्य ग्रहण के बाद गरीबों अथवा जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए। अगर आपके घर में तुलसी का पौधा है तो ग्रहण की समाप्ति के बाद उस पर गंगाजल छिड़कर उसे पवित्र कर लें।
– ग्रहण के बाद भगवान शिव की अराधना करना भी काफी अच्छा माना जाता है और हो सके तो निर्धन व्यक्ति को सफेद वस्तु दान करें।
– ग्रहण के बाद गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्रदान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है। मान्यता है कि सामान्य दिन से ग्रहण में किया गया पुण्य कर्म 1 लाख गुना फलदायी होता है।
– मान्यतानुसार गर्भवती स्त्रियों को भी ग्रहण के बाद तुरंत स्नान कर लेना चाहिए। ऐसा नहीं करने से शिशु को त्वचा संबंधी परेशानियां आ सकती हैं।
Surya Grahan 2020: कहीं नारंगी तो कहीं हरा दिखा सूरज, उत्तराखंड में दिखी रिंग ऑफ फायर, देखें- Photos

Highlights
सूर्य ग्रहण के बाद साफ सफाई और स्नान के बाद मंदिर की सफाई करनी चाहिए। साथ ही मूर्तियों को स्नान कराकर नए वस्त्र धारण कराएं और पूजा करें। इस दौरान शिव स्तुति जरूर करनी चाहिए।
चंद्र ग्रहण के बजाय सूर्य ग्रहण का काफी महत्व होता है। इस दौरान अपनी नियमित प्रार्थना के अलावा किसी भी शिव मंत्र का जाप करने से लाभ होता हैा। वहीं ग्रहण समाप्त होने के बाद ओम नमः शिवाय, महामृत्युंजय मंत्र किया जा सकता है।
ग्रहण एक खगोलीय अवस्था है जिसमें कोई खगोलिय पिंड जैसे ग्रह या उपग्रह किसी प्रकाश के स्रोत जैसे सूर्य और दूसरे खगोलिय पिंड जैसे पृथ्वी के बीच आ जाता है जिससे प्रकाश का कुछ समय के लिये अवरोध हो जाता है।
सूर्य ग्रहण के बाद उत्तराखंड के चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री के कपाट खोले गए। इसके साथ ही जोशी मठ का नृसिंह मंदिर, पंचबद्री, पंचकेदार के कपाट खोल मंदिरों में साफ-सफाई के बाद अभिषेक किए गए।
सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद मंदिरों के कपाट खोलकर शिवलिंग और मूर्तियों को स्नान कराने के साथ ही पूजा पाठ किया गया। लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में परिसर की धुलाई की गई और फिर पूजा-अर्चना की गई। इसके साथ ही कई और मंदिरों में भगवान की पूजा की गई।
आज जो ग्रहण लगा उसे चूड़ामणि सूर्य ग्रहण कहते हैं। इस बार यह ग्रहण मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगा था। सूर्य ग्रहण का ज्योतिषशास्त्र में बहुत अधिक महत्व होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का सभी राशियों पर शुभ- अशुभ प्रभाव पड़ता है।
आपकी राशि पर लगने वाला ग्रहण आपके लिए सर्वाधिक कष्ट कारक सिद्ध हो सकता है इसलिए अपनी जिद एवं आवेश पर नियंत्रण रखते हुए स्वभाव में चिड़चिड़ापन न आने दें। यात्रा सावधानीपूर्वक करें वाहन दुर्घटना से बचें कार्य क्षेत्र में भी उच्चाधिकारियों से मधुर संबंध बनाए रखें।
ग्रहण को लेकर हमेशा ज्योतिष और विज्ञान आमने-समाने खड़ा हो जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रहण ग्रह-नक्षत्रों का विषय है। वैदिक शास्त्रों के अनुसार पुरातन काल से ही ज्योतिषी गणना के आधार पर ग्रहण का आंकलन, समय, तिथि और इसका शुभ-अशुभ परिणाम के बारे में विस्तार से व्याख्या की गई है। ज्योतिष के अनुसार जब-जब ग्रहण पड़ता इसका व्यापक असर देखने को मिलता है।
ग्रहण के बारे में हमारे ऋषियों और मुनियों को इस खगोलीय घटना का ज्ञान ईसा से चार हजार वर्ष पहले हो ही गया था। वेदांग ज्योतिष में सूर्य और चंद्र ग्रहण के संबंध में विस्तार से बताया गया है। महर्षि अत्रि को सबसे पहले ग्रहण का ज्ञाता माना जाता है। वहीं विज्ञान ग्रहण को मात्र एक खगोलीय घटना मानता आ रहा हैं जब सूर्य , चंद्रमा और सूर्य एक सीध में आतें तब ग्रहण लगता है।
सूर्य ग्रहण के बाद स्नान करने वाले जल में गंगा जल मिला लेना चाहिए। गंगा जल मिलाकर ही स्नान करें। अगर गंगा जल नहीं है तो साधारण पानी से ही स्नान करने से पहले मां गंगा का ध्यान करें और फिर स्नान कर लें।
सूर्य ग्रहण के बाद अब अगला ग्रहण चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) होगा, जो 5 जुलाई को लगेगा। जुलाई के पहले सप्ताह में लगने वाला चंद्र ग्रहण इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण होगा।
इस साल दो सूर्य ग्रहण हैं। पहला 21 जून को लग चुका है, दूसरा 14 दिसंबर को लगेगा।
देश के लगभग हर हिस्से में ग्रहण की समाप्ति हो चुकी है। अलग-अलग शहरों में ग्रहण के दौरान अलग-अलग नजारा देखने को मिला। गुवाहाटी में 80 प्रतिशत लगा ग्रहण
मान्यतानुसार गर्भवती स्त्रियों को भी ग्रहण के बाद तुरंत स्नान कर लेना चाहिए। ऐसा नहीं करने से शिशु को त्वचा संबंधी परेशानियां आ सकती हैं।
मुंबई, त्रिवेंद्रम सहित देश के कई भागों में सूर्यग्रहण समाप्त हो चुका है। यह तस्वीर दिल्ली की है जहां ग्रहण के दौरान चांद ने सूर्य को 95.2 प्रतिशत तक ढक लिया।
ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद पवित्र नदियों में या फिर घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए। ग्रहण के बाद दान-पुण्य करना चाहिए।
ज्योतिषियों के मुताबिक, यूपी के नोएडा में ग्रहण 1 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं लखनऊ में ग्रहण 13.59 मिनट पर समाप्त होगा। मेरठ में ग्रहण 13.50 बजे तक रहेगा। वाराणसी में ग्रहण दोपहर 14.12 मिनट तक होगा।
सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में लगा है। लेकिन वृश्चिक राशि पर भी इसका व्यापक प्रभाव रहेगा. इसलिए वृ़श्चिक राशि वाले भी सावधान रहें. बेहतर यही होगा कि ग्रहण के पास स्नान करने के बाद पूजा और दान अवश्य करें. इससे ग्रहण की अशुभता को दूर करने में मदद मिलेगी. वहीं नित्य गायत्री मंत्र का जाप करें. मां की सेवा करें और दरिद्र नारायण की सेवा करें. बुराई और नशा आदि से बचें.
सूर्यग्रहण देखते वक्त इन बातों का रखें ध्यान: सूर्यग्रहण को नंगी आंखों से न देखें, यह नुकसानदेह है. सूर्यग्रहण देखने के लिए सनग्लासेज, गॉगल्स, एक्सपोज्ड एक्सरे शीट या ग्लास पर लैंपब्लैक लगाकर इस्तेमाल न करें. पानी में सूर्य की छवि न देखें, इससे आंखों को नुकसान पहुंच सकता है. सूर्यग्रहण देखने के लिए केवल 13 या 14 नंबर वाले वेल्डर्स ग्लास का इस्तेमाल करें.
देश की राजधानी दिल्ली में दोपहर 01 बजकर 49 मिनट पर सूर्य ग्रहण समाप्त होगा। ग्रहण की समाप्ति के बाद स्नान करने की मान्यता है।
गर्भवती महिलाएं रखें खास ख्याल: सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं और हाल ही में जन्मे शिशु को जन्म देने वाली महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से नहीं निकलना चाहिए। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना चाहिए नहीं तो लापरवाही बरतने पर शिशु की सेहत को नुकसान हो सकता है। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण गर्भवती महिलाओं के लिए अशुभ प्रभाव वाला होता है। इसलिए ग्रहण के दौरान इनको घर में रहने की सलाह दी जाती है।
सूर्य ग्रहण को लाइव कई चैनलों पर देखा जा सकता है। TimeandDate और Slooh अपने यूट्यूब चैनल पर इसकी लाइव स्ट्रीमिंग शुरू कर चुके हैं। इसके अलावा NASA ट्रैकर का इस्तेमाल कर भी आप सूर्य ग्रहण लाइव देख सकते हैं। इसके अलावा नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके भी आप सूर्य ग्रहण को लाइव देख पाएंगे।
देहरादून में ग्रहण का दिखाई देगा वलयाकार रूप, 12.10 बजे के करीब दिख सकता है खूबसूरत नजारा...
अगर आप ऐसी जगह पर रह रहे हैं जहां 21 जून को पड़ने वाला यह सूर्य ग्रहण दिखेगा, तो आप खुद अपनी आंखों से इसका अनुभव कर पाएंगे। ध्यान रहे कि सूर्य ग्रहण देखते समय अपनी आंखों के लिए प्रोटेक्शन लें। अगर आप इसे ऑनलाइन देखना चाहते हैं तो पॉप्युलर चैनल जैसे TimeandDate और Slooh अपने यूट्यूब चैनल पर इसकी लाइव स्ट्रीमिंग करेंगे। इसके अलावा NASA ट्रैकर का इसतेमाल कर भी आप सूर्य ग्रहण लाइव देख सकते हैं।
आज देश के कई शहरों में सूर्यग्रहण रिंग ऑफ फायर जैसा दिखेगा। इसे आप सोने के कंगन जैसे रूप में देख पाएंगे।
आज देश के कई शहरों में सूर्यग्रहण रिंग ऑफ फायर जैसा दिखेगा। इसे आप सोने के कंगन जैसे रूप में देख पाएंगे।
सूर्य ग्रहण की तस्वीरें आनी शुरू हो गई हैं...
ध्यान रखें कि सूर्य ग्रहण को खुली आंखों से आसमान में नहीं देखना चाहिए। ग्रहण देखने के लिए विशेष प्रकार के उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आपके पास ग्रहण देखने के उपकरण नहीं हैं तो बेहत होगा कि आप इसे ऑनलाइन लाइव देखें...
इस सदी के बीते 20 वर्षों में भारत से 5 सूर्यग्रहण जो 2005, 2006, 2009, 2010, 2019 में नजर आए। जो बात इस ग्रहण को बेहद दुर्लभ बनाती है वह यह है कि इसके बाद भारत से इस शताब्दी में सिर्फ तीन सूर्यग्रहण और दिखाई देंगे वे भी लंबे अंतरालों के बाद।
सूर्य ग्रहण देखने के लिए साधारण चश्मे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सोलर व्यूइंग ग्लास, सोलर फिल्टर या आइक्लिप्स ग्लास का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा एक्स-रे फिल्म से भी साधारण: सूर्य ग्रहण की घटना को देखा जा सकता है। दूरबीन या पिनहोल द्वारा देखने से नुकसान पहुंच सकता है।
यह सूर्य ग्रहण मेष, सिंह, कन्या, मकर और मीन राशि के जातकों को तुलनात्मक रूप से सबसे अधिक शुभ, मंगलकारी और श्रेष्ठ फलदायी सिद्ध होगा।
धार्मिक मान्यताओं अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान कई काम वर्जित होते हैं। जैसे कोशिश करें कि इस दौरान बाहर न निकलें। खासकर गर्भवती महिलाएं तो बिल्कुल भी घर से बाहर न निकलें। इस दौरान न तो खाना खाना चाहिए और न ही पानी पीना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के बाद स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। ग्रहण के बाद स्नान और दान करने के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। ग्रहण का सूतक लगने से पहले ही खाने पीने की चीजों में तुलसी या कुश के पत्ते डालकर रख देने चाहिए। मान्यता है कि इससे ग्रहण से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा से खाना दूषित नहीं होगा।
गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के सूतक काल से लेकर सूर्य ग्रहण की समाप्ति तक विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इस समय नकारात्मकता काफी बढ़ जाती है, जिससे बचने के लिए अपने पास नारियल रखना चाहिए। अगर गर्भवती महिलाओं ने अभी तक अपने पास नारियल नहीं रखा तो सूर्य ग्रहण के प्रारंभ होने से पहले रख लें।
यह सूर्य ग्रहण भारत, नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया तथा कोंगों में दिखाई देगा। देहरादून, सिरसा तथा टिहरी कुछ प्रसिद्ध शहर हैं जहाँ पर वलयाकार सूर्यग्रहण दिखाई देगा। नई दिल्ली, चंडीगढ़, मुम्बई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलौर, लखनऊ, चेन्नई, शिमला, रियाद, अबू धाबी, कराची, बैंकाक तथा काठमांडू आदि कुछ प्रसिद्ध शहर हैं जहाँ से आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
कोरोना महामारी के बीच रविवार को यानी आज ये खगोलीय घटना होगी। आज साल का सबसे बड़ा दिन भी है। आज वर्ष का पहला सूर्यग्रहण है। जो वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। ऐसा नजारा धरती पर कम ही देखने को मिलता है। जब सूर्य एक चमकती अंगूठी की तरह दिखेगा। ये न तो आंशिक ग्रहण होगा और न ही पूर्ण।
भौतिक विज्ञान के अनुसार जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, उसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करती है और चाँद पृथ्वी की। इसी प्रक्रिया के दौरान कभी-कभी चाँद, सूरज और धरती के बीच आ जाता है। फिर वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह घटना अमावस्या को ही होती है।