आचार्य गिरिजेश धर
आषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या रविवार 21 जून रविवार को कंकणाकृति खण्ड ग्रास सूर्य ग्रहण मृगशिरा एवं आद्रा नक्षत्र और मिथुन राशि पर पड रहा है। यह ग्रहण संपूर्ण भारत वर्ष में दिखाई देगा। इस सूर्य ग्रहण से देश में आर्थिक संकट गहरा होगा युद्ध जैसी स्थिति रहेंगी। प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूकंप बाढ़ तूफान इत्यादि से जनजीवन प्रभावित रहेगा। देश में चल रहे कोरोना महामारी से निपटने के नए रास्ते जैसे वैक्सीन अन्य आयुर्वेदिक दवाएं इत्यादि से लोगों को लाभ मिलने लगेगा। सरकार को बहुत ही राहत मिलने के आसार लग रहे हैं।
क्या होता है कंकणाकार सूर्य ग्रहण? ग्रहण काल तंत्र साधकों के लिए बहुत ही श्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है इस समय की गई आराधना का पूर्ण फल प्राप्त होता है एवं उद्देश्य में सफलता प्राप्त होती है। सूर्य चंद्र और पृथ्वी तीनों जब एक सीध में नहीं होते अर्थात चंद्र ठीक राहु या केतु बिंदु पर ना होकर ऊंचे या नीचे होते हैं। तब सूर्य का खण्ड ग्रहण होता है और जब चंद्रमा दूर होते हैं तब उसकी परछाई पृथ्वी पर नहीं पड़ती तथा बिम्ब छोटे दिखाई पड़ते हैं। उनके बिम्ब के छोटे होने से सूर्य का मध्यम भाग ही ढकता है। जिससे चारों ओर कंकणाकार सूर्य प्रकाश दिखाई पड़ता है। इस प्रकार के ग्रहण को कंकणाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार कंकणाकार सूर्य ग्रहण अमावस्या को पड़ता है।
सूर्य ग्रहण के समय ग्रहों की स्थिति और उसका प्रभाव: इस बार सूर्य ग्रहण मृगशिरा व आद्रा नक्षत्र और मिथुन राशि पर पड रहा है, इस कारण मिथुन राशि वालों को यह ग्रहण विशेष कष्टदायक होगा। वही प्रशासन पर यह ग्रहण शुभ नहीं है, क्योंकि सूर्य प्रशासन का प्रतिनिधि माना जाता है। यह ग्रहण रविवार 21 जून को संपूर्ण भारत वर्ष में दिखाई देगा। शास्त्रों के अनुसार जब -जब सूर्य एवं चंद्र ग्रहण पडते है तो उनका दीर्घकालीन प्रभाव विर्सग राजनीति पर भी पड़ता है। सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में लगेगा ग्रहण के समय 6 ग्रह बुध शुक्र गुरु शनि राहु केतु वक्री रहेंगे। मिथुन राशि पर सूर्य बुध राहु चंद्र की युक्ति रहेगी जोकि शुभ नहीं माने जाते। वक्री ग्रहो के कारण भारत को भी आर्थिक संकट के साथ अनेक समस्याओं को लेकर संघर्ष करना पड़ेगा।
सूर्य ग्रहण का समय: शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पूर्व से प्रारंभ हो जाता है । भारतीय मानक समय में दिल्ली के स्थानीय समय के अनुसार 20 जून शनिवार को सूर्य ग्रहण का सूतक रात्रि 10:00 से मान्य होगा। ग्रहण 21 जून रविवार को प्रातः 10:15 से प्रारंभ होगा मध्यम 11: 59 पर होगा, और मोक्ष दोपहर में 2:48 पर होगा।
सूर्य ग्रहण का राशियों पर प्रभाव:
मेष सिंह कन्या मकर राशियों पर शुभ रहेगा ग्रहण का प्रभाव।
वृषभ तुला धनु कुम्भ राशियों पर मध्यम रहेगा ग्रहण का प्रभाव।
मिथुन कर्क वृश्चिक मीन राशियों पर अशुभ रहेगा ग्रहण का ।
जिन राशियों पर ग्रहण अशुभ प्रभाव है उन राशि वालों को ग्रहण नहीं देखना चाहिए।
ग्रहण के समय क्या करें?
ग्रहण के समय भगवत भजन- कीर्तन, इष्ट मंत्र, गुरु मंत्र, आदित्य हृदय स्त्रोत, सूर्य देवता के मंत्र, का जाप करना चाहिए।
ग्रहण के बाद सोना या चांदी का प्रतिबिंब बनवा कर दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
ग्रहण के सूतक पूर्व खाद्य पदार्थों में तुलसी दल कुशा रखने का विधान है।
ग्रहण के समय सावधानियां:
सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए।
ग्रहण के समय किसी भी घातक चीज जैसे- चाकू, छुरी,ब्लेट कांटा आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए।
जिन राशियों पर ग्रहण अशुभ उन राशियों वालों को भगवान का भजन कीर्तन मानसिक जप करना चाहिए या हवन करना चाहिए।
ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखना चाहिए गेरू अथवा गाय के गोबर का पेट पर लेप करना चाहिए।
घृताहुति
ॐ भू: स्वाहा – इदमग्नये इदं न मम।
ॐ भुवः स्वाहा – इदं वायवे इदं न मम।
ॐ स्वः स्वाहा – इदं सूर्याय इदं न मम।
सूर्य – (स्वर्गलोक) के अधिपति सूर्य हैं,
ॐ स्वः स्वाहा – इदं सूर्याय इदं न मम।
मंत्र जप ऊँ हृां हृीं सः सूर्याय नमः।।