ज्योतिष और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण की घटना बहुत अहम मानी जाती है। आपको बता दें कि साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल को पड़ने जा रहा है। लेकिन यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। साथ ही यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका का दक्षिण- पश्चिमी भाग, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और दक्षिणी ध्रुव में दिखाई देगा। लेकिन भारत में यह अदृश्य रहेगा। इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा। लेकिन इस सूर्य ग्रहण का असर सभी राशियों पर पड़ेगा। आइए जानते हैं…

आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण का समय:

ज्योतिष पंचांग के मुताबिक 30 अप्रैल को वैशाख मास की अमावस्या तिथि है। यह अमावस्या शनिवार के दिन पड़ने के कारण शनिचरी अमावस्या का भी योग बन रहा है। जिस दिन शनि देव की पूजा का मुख्य विद्यान होता है। इसलिए यह ग्रहण ज्योतिष के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योकि शनि ग्रह सूर्य देव के ही पुत्र हैं। लेकिन आप में दोनों में शत्रुता का भाव है। आपको बता दें कि यह सूर्य ग्रहण मध्यरात्रि 12 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा और सुबह 4 बजकर 9 मिनट तक रहेगा। साथ ही ग्रहण मेष राशि में लगेगा। जिस पर मंगल ग्रह का आधिपत्य है।

इन राशियों पर पड़ेगा विशेष प्रभाव:

 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण वृष, कर्क, धनु, सिंह और मीन राशि के जातकों को शुभ साबित हो सकता है। इन राशियों के लिए ये ग्रहण बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। इस ग्रहण से आपका आर्थिक पक्ष मजबूत हो सकता है। करियर में सफलता मिल सकती है।

वहीं वैदिक ज्योतिष अनुसार कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण थोड़ा कष्टकारी साबित हो सकता है। इस सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है साथ ही आप किसी कानूनी पछड़ों में पड़ सकते हैं।

करें ये उपाय:

सूर्य ग्रहण की अशुभता से बचने के लिए गायत्री महामंत्र का जाप और अपने ईष्ट देव का स्मरण करना चाहिए। सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने से बचना चाहिए। साथ ही सोच को सकारात्‍मक रखना चाहिए। ग्रहण काल में भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र या मृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। वहीं ग्रहण के बाद कुछ दान जरूर देना चाहिए।