Surya Grahan 2025: ग्रहण एक भले की खगोलीय घटना हो, लेकिन इसका ज्योतिष में बहुत ही अधिक महत्व है। ऐसे ही 29 मार्च को साल का पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है। ये एक आंशिक सूर्य ग्रहण था, जो भारत में नजर नहीं आया। बता दें कि यह सूर्य ग्रहण मूल रूप से ये ग्रहण दक्षिण अमेरिका, आंशिक उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी ध्रुव, आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर आदि जगहों पर दिखाई दिखाई। सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान, दान करने का विशेष महत्व है। बता दें कि साल का दूसरा सूर्य ग्रहण सितंबर 2025 में लगने वाला है। लेकिन यह ग्रहण भी भारत में नजर नहीं आया। जानें सूर्य ग्रहण से संबंधित हर एक जानकारी
किस समय लगा साल का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025 Time In India)
भारतीय समय के अनुसार, 29 मार्च को दोपहर 2:21 से शुरू हो गया था, जो शाम 6:14 पर समाप्त हो गया था। इस ग्रहण की कुल अवधि करीब 3 घंटे 53 मिनट तक थी।
पुराणों के अनुसार, राहु और केतु असुरों के रूप में जाने जाते थे। जब देवताओं और राक्षसों ने अमृत मंथन किया, तो एक अमृत का घड़ा निकला। जिसे पीकर अमर बनने के लिए देवताओं और दानवों में भयंकर युद्ध होने लगा। ऐसे में भगवान विष्णु ने मोहिनी का अवतार लेकर उन्हें अमृत पान कराया। ऐसे में वह देवताओं को अमृत और दानवों को साधारण जल का पान करा रहे थे। यह राहु ने देख लिया और राहु ने देवताओं के बीच में आकर अमृत पीने का प्रयास किया। सूर्य और चंद्रमा ने राहु का विरोध किया, जिसके कारण भगवान विष्णु ने उसे सिर से धड़ से अलग कर दिया और राहु का सिर आकाश में तैरने लगा, जिसे अब हम ग्रहण का कारण मानते हैं।
हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को राहु और केतु के प्रभाव से जोड़कर देखा जाता है। राहु और केतु को ग्रहणों के कर्ता माना जाता है। बता दें कि साल का पहले ग्रहण के समय सूर्य पर राहु का असर होगा।
हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को राहु और केतु के प्रभाव से जोड़कर देखा जाता है। राहु और केतु को ग्रहणों के कर्ता माना जाता है। बता दें कि साल का पहले ग्रहण के समय सूर्य पर राहु का असर होगा।
शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण आरंभ होने के 12 घंटे पहले से सूतक काल आरंभ हो जाता है जिसके साथ ही पूजा पाठ, मांगलिक काम बंद हो जाते हैं। लेकिन ये सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। इसलिए सूतक काल मान्य होगा। इसलिए मंदिर के कपाट बंद नहीं होंगे।
ज्योतिषियों के अनुसार, ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को थोड़ा संभलकर रहना चाहिए। इस दौरान इन्हें संतान गोपाल मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके साथ ही ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करने के साथ-साथ दान करना शुभ होगा।
सूर्य ग्रहण के समय जप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसलिए ग्रहण के समय ॐ सूर्याय नमः या फिर ॐ आदित्याय च सोमाय मंत्र का जाप करें। इससे नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सकता है।
सूर्य ग्रहण के समय जप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसलिए ग्रहण के समय ॐ सूर्याय नमः या फिर ॐ आदित्याय च सोमाय मंत्र का जाप करें। इससे नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सकता है।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण के समय ग्रहों के राजा सूर्य मीन राशि में विराजमान रहेंगे। जहां पर उनके साथ बुध, शुक्र, राहु और चंद्र भी विराजमान होंगे। ऐसे में पांच ग्रहों की युति से पंचग्रही योग का निर्माण हो रहा है, जिससे कुछ राशियों को लाभ मिलेगा, तो कुछ राशियों को संभलकर रहने की जरूरत होगी।
29 मार्च को सूर्य ग्रहण दोपहर 2 बजकर 21 मिनट से आरंभ होगा, जो शाम 6 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा।
इस साल दो सूर्य ग्रहण लगने वाला है। पहला आंशिक सूर्य ग्रहण है, जो 29 मार्च को लगने वाला है। इसके अलावा दूसरा 21 सितंबर को लगने वाला है, जो पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा।
पंडित जगन्नाथ गुरुजी के अनुसार, भारत में साल का पहला सूर्य ग्रहण नजर नहीं आने वाला है। ऐसे में भारत में न ही सूतक काल मान्य होगा और न ही गर्भवती महिलाओं पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाएं बिना किसी चिंता के अपने खानपान और आराम का ध्यान रखें।
29 मार्च को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं नजर आएगा। लेकिन दक्षिण अमेरिका, आंशिक उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी ध्रुव, आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर आदि जगहों पर दिखाई देगा।
29 मार्च 2025 एक बहुत ही अद्भुत और विलक्षण घटना लगभग 199 वर्षों के बाद आपके जीवन में घटित होने जा रही है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 29 मार्च को मीन राशि में सूर्य, बुध, शुक्र,,राहु और चंद्रमा का पंचग्रही योग बनेगा और सूर्य ग्रहण के बाद शनि भी मीन राशि में आ जाएंगे. सूर्य ग्रहण के दिन छह ग्रहों का महा विस्फोटक योग बनेगा। जानें किन राशियों को मिलेगा बंपर लाभ
जब चांद सूर्य के केवल एक हिस्से को ढकता है, तो वह आंशिक सूर्य ग्रहण होता है। इसके अलावा पूर्ण और उल्का सूर्य ग्रहण होता है।
साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को होगा,जो यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।
बता दें कि साल का पहला सूर्य ग्रहण आरंभ होने के करीब 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है। ऐसे में दोपहर करीब 2: 21 बजे में शुरू हुए ग्रहण से करीब 12 घंटे पहले आरंभ हो जाता है। ऐसे में सूतक काल तड़के 2:21 मिनट पर आरंभ हो जाएगा। लेकिन भारत में सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा। इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।
