Surya Grahan 2025 (सूर्य ग्रहण 2025 कब है): साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग चुका है और अब सूर्य ग्रहण 15 दिन के भीतर होने वाला है। ये एक खगोलीय घटना है। लेकिन ज्योतिषी, धार्मिक में भी इसका काफी अधिक महत्व है। धार्मिक दृष्टि की बात करें, तो सूर्य ग्रहण तब होता है जब राहु या फिर केतु अपना ग्रास बना लेते हैं। इस अवधि में सूर्य देव काफी कष्ट में होते हैं। सूर्य ग्रहण में अगर सूतक काल लग रहा है, तो हर तरह के मांगलिक, शुभ कामों में मनाही लगने के साथ मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। आइए जानते हैं साल का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण किस समय लगेगा और सूतक काल मान्य होगा कि नहीं…
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 2025 (Surya Grahan 2025) कब लगेगा?
साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025, रविवार को लगने वाला है। यह खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण रात 10:59 बजे शुरू होकर लगभग 3:23 बजे तक चलेगा। इसका मध्यकाल रात 1:11 बजे रहेगा। कुल अवधि करीब 4 घंटे 24 मिनट की होगी।
आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में दिखेगा कि नहीं?
यह सूर्य ग्रहण रात के समय लगेगा, इसलिए भारत में दिखाई नहीं देगा।
आखिरी सूर्य ग्रहण का सूतक काल
शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पूर्व सूतक काल मान्य होता है। लेकिन चूंकि यह ग्रहण रात को लग रहा है और भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक काल प्रभावी नहीं होगा। मंदिरों के कपाट बंद करने या शुभ कार्यों पर रोक का नियम लागू नहीं होगा।
कहां दिखाई देगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण?
यह सूर्य ग्रहण ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी हिस्सों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और अंटार्कटिका में नजर आएगा।
सूर्य ग्रहण और राहु-केतु का संबंध
जब सूर्य और चंद्रमा राहु या केतु के समीप आते हैं, तभी ग्रहण बनता है।
राहु और केतु को छाया ग्रह कहा जाता है। ये वास्तविक ग्रह नहीं हैं बल्कि चंद्रमा की कक्षा और पृथ्वी की परिक्रमा पथ के प्रतिच्छेदन बिंदु (Nodes) हैं।
जब अमावस्या के समय सूर्य और चंद्रमा इन नोड्स (राहु-केतु) के पास आ जाते हैं तो सूर्य ग्रहण होता है।
इसी प्रकार जब पूर्णिमा के समय चंद्रमा राहु या केतु के पास आता है तो चंद्र ग्रहण होता है।
सूर्य ग्रहण का राशियों पर असर? (Surya Grahan 2025 Rashifal)
बता दें कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। लेकिन ज्योतिषी के मुताबिक देश-दुनिया पर देखने को मिलने वाला है। सूर्य ग्रहण के समय सूर्य कन्या राशि में विराजमान है। ऐसे में मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, कुंभ और मीन राशियों को ग्रहण का साइड इफेक्ट झेलना पड़ेगा। मेष, वृषभ, कर्क, वृश्चिक, धनु और मकर राशि के जीवन में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलने वाला है। इन पर ग्रहण का कोई नकारात्मक असर नहीं होगा।
2026 का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2026)
साल 2026 का पहला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी 2026 को लगने वाला है। यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse) होगा। इस दौरान सूर्य आकाश में एक चमकती हुई “रिंग ऑफ फायर” के रूप में दिखाई देगा। यह अद्भुत खगोलीय नजारा करीब 2 मिनट 20 सेकंड तक रहेगा।
सितंबर माह के चौथे सप्ताह शारदीय नवरात्रि के साथ आरंभ हो रहा है। इसके साथ ही इस सप्ताह महालक्ष्मी, सूर्य ग्रहण से लेकर समसप्तक, षडाष्टक, गजलक्ष्मी, नवपंचम, महालक्ष्मी जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है। ऐसे में कुछ राशि के जातकों को इस सप्ताह विशेष लाभ मिल सकता है। आइए जानते हैं मेष से लेकर मीन राशि तक के जातकों का कैसा बीतेगा ये सप्ताह। जानें साप्ताहिक टैरो राशिफल
डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।