फ्यूचर समाचार के अनुसार साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर मंगलवार को लगने जा रहा है। यह ग्रहण दिवाली के अगले दिन ही लगेगा। जिस कारण गोवर्धन पूजा इस बार 26 अक्टूबर को होगी। फ्यूचर पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण दोपहर को 02 बजकर 28 मिनट से आरंभ होगा और शाम को 6 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। वहीं आपको बता दें कि 24 अक्टूबर दिवाली की रात 2 बजकर 30 मिनट से सूर्य ग्रहण का सूतक आरंभ हो जाएंगे। सूर्य ग्रहण में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी चाहिए। साथ ही सूर्य ग्रहण पर खाना भी नहीं खाने की मनाही है। वहीं आप सूर्य ग्रहण पर मन ही मन में भगवन का नाम का जाप कर सकते हैं। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण के दौरान कौन से कार्य करने चाहिए और कौन से नहीं…
जानिए ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं
खाने की वस्तुएं में डाले तुलसी दल
ग्रहण शुरू होने से पहले खाने की की वस्तुओं में तुलसी दल या कुशा जरूर डाल देंं। जिससे भोजन पर सूर्य ग्रहण का दुष्प्रभाव न पड़े और उसे बाद में खा सके। शास्त्रों के अनुसार कुशा और तुलसी दल को पवित्र माना गया है।
गर्भवती महिलाएं घर से बाहर निकलने से बचें
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ ही उनको घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। क्योंकि सूर्य की हानिकारक किरणों से बच्चे के साथ-साथ मां पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही ग्रहण के दौरान किसी नुकीली चीज का प्रयोग नहीं करना चाहिए। वरना गर्भ में शिशु को हानि पहुंच सकती है। वहीं सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद गर्भवती महिला को स्नान जरूर करना चाहिए नहीं तो उसके शिशु को त्वचा संबधी रोग लग सकते हैं।
मंदिर में पूजा- पाठ नहीं करें
ग्रहण के दौरान भगवान को भी स्पर्श नहीं करना चाहिए। इसलिए ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। क्योंकि इस समय मूर्तियों को स्पर्श करना अशुभ माना जाता है। इसलिए पूजा- पाठ ग्रहण समाप्त होने के बाद ही करनी चाहिए।
सूर्य ग्रहण को देखने के बचना चाहिए
सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से कभी भी नहीं देखना चाहिए। वहीं अगर आप ग्रहण को देख भी रहे हैं तो टेलीस्कोप, कैमरा, बाईनोकुलर या अन्य डिवाइस का प्रयोग कर सकते हैं।
सूर्य देव के मंत्रों का करें जाप
ग्रहण के दौरान आप आदित्य ह्रदय स्त्रोत और सूर्य देव के मंत्रों का जाप कर सकते हैं। सूर्य देव का मंत्र हैं- ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री, ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:, ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:।।
ग्रहण के बाद करें दान
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना चाहिए। साथ ही फिर कुछ अनाज खासकर गेहूं का दान करना चाहिए।