Surya Grahan June 2021: धार्मिक दृष्टि से ग्रहण लगना शुभ नहीं माना गया है। 10 जून को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इस दौरान सूर्य वृषभ राशि में गोचर होगा और नक्षत्र मृगशिरा होगा। ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जिस दौरान सूर्य रिंग ऑफ फायर की तरह नजर आयेगा। बता दें कि इस दिन शनि जयंती भी है। ज्योतिषियों का कहना है कि पूरे 148 साल बाद ऐसा संयोग बनेगा जब मकर राशि में वक्री शनि के साथ शनि जयंती पर कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होगा। जानिए ग्रहण के दौरान किन कार्यों को करने और किन्हें न करने की सलाह दी जाती है।

ग्रहण कहां देगा दिखाई? ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। लेकिन इंटरनेट के माध्यम से आप घर बैठे इस ग्रहण का खूबसूरत नजारा देख पायेंगे। ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तरी पूर्वी भाग, उत्तरी एशिया, उत्तरी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। ग्रहण की शुरुआत दोपहर 1.42 से होगी और समाप्ति शाम 6.43 पर होगी।

ग्रहण के दौरान क्या न करें?
ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ का सेवन न करें। हालांकि बच्चों, बीमार लोगों और बुजुर्गों पर ये नियम लागू नहीं होते हैं।
ग्रहण काल में किसी भी तरह का नया काम शुरु नहीं करना चाहिए।
ग्रहण के समय कैची और चाकू यानी धारदार वस्तुओं का प्रयोग न करें।
ग्रहण के समय बालों में कंघी करना, दांत साफ करना भी अशुभ माना जाता है।
भगवान की मूर्तियों को हाथ न लगाएं।
सूर्य ग्रहण रोगियों को और गर्भवती महिलाओं को बिल्कुल भी नहीं देखना चाहिए।
ग्रहण काल में मल-मूत्र विसर्जन भी निषेध होता है।
ग्रहण के समय सोने से भी बचना चाहिए।
ग्रहण काल में पूजा पाठ भी नहीं करना चाहिए।

ग्रहण काल में क्या करें?
ग्रहण काल में पूजा पाठ करना मना है लेकिन आप मन ही मन अपने ईष्ट देव की अराधना कर सकते हैं।
ग्रहण के समय धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन भी कर सकते हैं।
ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान ईश्वर आराधना, सूर्य मंत्र जाप ध्यान आदि करने से ग्रहण के अशुभ फल दूर होते हैं।
सूर्य ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जाप बताया जाता है फलदायी “ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो : सूर्य: प्रचोदयात।”
सूर्य ग्रहण लगने से ठीक पहले खाने-पीने की वस्तुओं, पके हुए भोजन, मक्खन, दूध, दही, घी, अचार, पानी आदि में कुश या तुलसी के पत्ते डालना शुभ होता है।

ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं इन बातों का ध्यान रखें:
ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। क्योंकि ग्रहण का बुरा प्रभाव बच्चे पर पड़ने का खतरा बना रहता है।
ग्रहण का सूतक काल लगते ही और ग्रहण की समाप्ति तक गर्भवती महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, सफाई, काटने और छीलने संबंधित कार्यों से बचना चाहिए।
ग्रहण के समय चाकू और सुई का उपयोग भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने के पीछे मान्यता यही कि ऐसे में गर्भ में पल रहे शिशु के अंगों को नुकसान पहुंचने की आशंका अधिक रहती है।