वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता है या युति बनाता है तो इसका प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलता है। आपको बता दें कि शनि देव राशि बदलकर मकर में प्रवेश कर चुके हैं और सूर्य भी अभी कर्क राशि में विराजमान हैं। यह स्थिति समसप्तक योग बना रही है। दरअसल, अब दोनों ग्रह एक-दूसरे के सातवें भाव में विराजमान हैं। इसलिए इस समसप्तक योग का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। लेकिन 4 राशियां ऐसीं हैं जिनको इस समय विशेष सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि शनि और सूर्य देव में शत्रुता का भाव विद्यमान है। आइए जानते हैं किन राशि वालों की मुश्किलें बढ़ सकती है और इससे बचने के उपाय क्या है…
मिथुन राशि: आप लोगों के लिए समसप्तक योग थोड़ा कष्टकारी साबित हो सकता है। क्योंकि आपकी गोचर कुंडली में आयु स्थान के स्वामी शनि देव हैं और वो मारकेश हैं। इसलिए इस समय आपको आंखों से संबंधित रोग हो सकते हैं। चेहरे पर चोट लग सकती है। कोई दुर्घटना हो सकती है। आंखों का ऑपरेशन हो सकता है। साथ ही इस समय छोटे भाई- बहन किसी तरह की परेशानी हो सकती है। पिता को कष्ट हो सकता है। करियर के हिसाब से अच्छा है। मैरिज लाइफ के लिए अच्छा है। व्यापार भी इस समय ठीक चलेगा।
सिंह राशि: समसप्तक योग आप लोगों को थोड़ा हानिकारक हो सकता है। क्योंकि आपकी लग्न का स्वामी सूर्य 12वें भाव में बैठा हुआ है जिस पर शनि देव की दृष्टि पड़ रही है। इस राशि के जो बुजुर्ग लोग है उनको ये समय थोड़ा ज्यादा खतरनाक हो सकता है। कोई बीमारी हो सकती है। हड्डी बगेरा टूट सकती है। इस समय व्यापार में निवेश करने से बचें। साथ ही कोर्ट कचहरी के मामलों में लापरवाही न करें, अन्यथा परेशानी हो सकती है। आप लोग महामृत्युंजय मंत्र जाप कर सकते हैं।
धनु राशि: आप लोगों के लिए समसप्तक योग कष्टकारी साबित हो सकता है। क्योंकि आपके ऊपर साढ़ेसाती भी चल रही है। आपकी गोचर कुंडली में शनि देव की दृष्टि सूर्य और बुध देव के ऊपर है। इसलिए पिता को कोई कष्ट हो सकता है। साथ ही कार्यस्थल पर किसी से मनमुटाव हो सकता है। इसलिए बोलते समय शब्दों पर ध्यान दीजिएगा। साथ ही आप लोग शनि के बीज मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। शनि देव से संबंधित चीजों का दान करें।
कुंभ राशि: समसप्तक योग आप लोगों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। क्योंकि आपकी गोचर कुंडली में जीवनसाथी के भाव का स्वामी छठे स्थान में विराजमान है। इसलिए इस समय आपको जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। पार्टनरशिप के काम में नुकसान हो सकता है। साथ ही अभी अगर पार्टनरशिप का काम शुरू करना चाह रहे हैं तो अभी रोक दें। आप लोग शनि और मंगल के बीज मंत्रों का जाप करें। तो कुछ परेशानी कम हो सकती है।
